खेत में लहलहाती फसल पर नाउम्मीदी की बारिश पडऩे की संभावना से किसान भयभीत है। उनका वाजिब है। क्योंकि बारिश हुई तो रबी में अलसी, मसूर व सरसों के साथ आम की फसल पर जबरदस्त प्रभाव पड़ेगा।मौसम वैज्ञानिकों ने रीवा, ग्वालियर, चंबल, उज्जैन, शहडोल संभाग में कहीं-कहीं बारिश का अलर्ट जारी किया है। वर्तमान में किसानों के खेत में अलसी, सरसों व मसूर की फसल तैयार है। कुछ किसानों की फसल खलिहान तक पहुंच गई है।
अरहर के फसल की कटाई भी शुरू है। ऐसे में बारिश हुई तो खेत से लेकर खलिहान तक किसानों की बर्बादी ही नजर आएगी। खेत में खड़ी फसल जहां झड़ कर मिट्टी में मिल जाएगी वहीं खलिहान की फसल भीगने से बर्बाद होगी। कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक, थोड़ी बारिश के बाद धूप निकल आती है तो फसल को बहुत अधिक नुकसान नहीं होगालेकिन बादल तीन से अधिक दिन तक बने रह गए तो आम के साथ दूसरे फसल भी प्रभावित होंगे। वैज्ञानिकों के मुताबिक यह फसल में केवल गेहूं के लिए फायदेमंद होगा।
रीवा जिले में बोवनी का रकबा
35 हजार हेक्टेयर में मसूर
15 हजार हेक्टेयर में सरसों
17 हजार हेक्टेयर में अलसी बिजली चमकना भी होगा नुकसानदेय
कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. एके पाण्डेय की माने तो इस समय की बारिश सबसे अधिक आम की फसल को प्रभावित करेगी। बारिश के बाद आसमान में बादल बने रहे तो आम के फूल खराब होकर झड़ जाएंगे। डॉ. पाण्डेय का कहना है कि आम की फसल के लिए बिजली का चमकना भी उतना ही नुकसानदेय है, जितना की बारिश। बिजली की चमक पेड़ पर जिस तरफ पड़ती है। उस तरफ के फूल नपुंसक हो जाते हैं। उनमें आम नहीं लगते हैं। इस लिहाज से यह मौसम आम के लिए खतरनाक है।
35 हजार हेक्टेयर में मसूर
15 हजार हेक्टेयर में सरसों
17 हजार हेक्टेयर में अलसी बिजली चमकना भी होगा नुकसानदेय
कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. एके पाण्डेय की माने तो इस समय की बारिश सबसे अधिक आम की फसल को प्रभावित करेगी। बारिश के बाद आसमान में बादल बने रहे तो आम के फूल खराब होकर झड़ जाएंगे। डॉ. पाण्डेय का कहना है कि आम की फसल के लिए बिजली का चमकना भी उतना ही नुकसानदेय है, जितना की बारिश। बिजली की चमक पेड़ पर जिस तरफ पड़ती है। उस तरफ के फूल नपुंसक हो जाते हैं। उनमें आम नहीं लगते हैं। इस लिहाज से यह मौसम आम के लिए खतरनाक है।
तापमान 5 डिग्री लुढक़ा
बुधवार को सुबह से ही आसमान में बादलों ने डेरा जमा लिया था। पश्चिमी विक्षोभ के चलते वातावरण में नमी बढ़ती गई। दोपहर बाद मौसम और अधिक खराब हो गया। वातावरण में धुंध छा गई। सायं 5 बजे के करीब हल्की ठंड के साथ हवाएं चलने लगी। देखते ही देखते बूंदाबांदी शुरू हो गई। शहरी क्षेत्र सहित ग्रामीण इलाकों में भी देर सायं बारिश दर्ज की गई। मौसम के मिजाज को देखते हुए मौसम विभाग ने फिर बारिश का अलर्ट जारी किया है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि बारिश होने से ठंड बढ़ेगी। बुधवार को देर शाम अधिकतम तापमान 20.0 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। मंगलवार की अपेक्षा इसमें 5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई है। वहीं न्यूनतम तापमान 14 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड हुआ है।
बुधवार को सुबह से ही आसमान में बादलों ने डेरा जमा लिया था। पश्चिमी विक्षोभ के चलते वातावरण में नमी बढ़ती गई। दोपहर बाद मौसम और अधिक खराब हो गया। वातावरण में धुंध छा गई। सायं 5 बजे के करीब हल्की ठंड के साथ हवाएं चलने लगी। देखते ही देखते बूंदाबांदी शुरू हो गई। शहरी क्षेत्र सहित ग्रामीण इलाकों में भी देर सायं बारिश दर्ज की गई। मौसम के मिजाज को देखते हुए मौसम विभाग ने फिर बारिश का अलर्ट जारी किया है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि बारिश होने से ठंड बढ़ेगी। बुधवार को देर शाम अधिकतम तापमान 20.0 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। मंगलवार की अपेक्षा इसमें 5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई है। वहीं न्यूनतम तापमान 14 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड हुआ है।