रिमझिम कर निकल जा रहे बादल
बुधवार को सुबह से ही आसमान में बादलों की मौजूदगी देख यह लगा कि मौसम किसानों पर मेहरबान होगा लेकिन पूरे दिन धूप और छांव की लुकाछिपी चलती रही। शाम करीब सवा छह बजे बारिश हुई जरूर, लेकिन बादल केवल रिमझिम-रिमझिम कर निकल गए। मौसम की बेरूखी के खरीफ की बोवनी का आधा समय निकल चुका है। लेकिन बोवनी रफ्तार पकडऩे की बात तो दूर अभी अच्छे से शुरू भी नहीं हो पाई है।
बुधवार को सुबह से ही आसमान में बादलों की मौजूदगी देख यह लगा कि मौसम किसानों पर मेहरबान होगा लेकिन पूरे दिन धूप और छांव की लुकाछिपी चलती रही। शाम करीब सवा छह बजे बारिश हुई जरूर, लेकिन बादल केवल रिमझिम-रिमझिम कर निकल गए। मौसम की बेरूखी के खरीफ की बोवनी का आधा समय निकल चुका है। लेकिन बोवनी रफ्तार पकडऩे की बात तो दूर अभी अच्छे से शुरू भी नहीं हो पाई है।
केवल पांच फीसदी हुई बोवनी
कृषि विभाग भी अभी अधिकतम पांच फीसदी बोवनी की बात कर रहा है। इस स्थिति में किसानों पर बिन बारिश हर दिन भारी पड़ रहा है। क्योंकि जैसे-जैसे दिन बीत रहा है और बोवनी में देरी हो रही है, वैसे-वैसे फसल की उत्पादकता प्रभावित होने का खतरा बढ़ता जा रहा है। उधर रबी की फसल की बोवनी में देरी होगी सो अलग।
कृषि विभाग भी अभी अधिकतम पांच फीसदी बोवनी की बात कर रहा है। इस स्थिति में किसानों पर बिन बारिश हर दिन भारी पड़ रहा है। क्योंकि जैसे-जैसे दिन बीत रहा है और बोवनी में देरी हो रही है, वैसे-वैसे फसल की उत्पादकता प्रभावित होने का खतरा बढ़ता जा रहा है। उधर रबी की फसल की बोवनी में देरी होगी सो अलग।
जिले में अल्प वर्षा की स्थिति
गत वर्ष की तुलना में इस बार हुई बारिश को देखते हुए अल्पवर्षा की स्थिति माना जा रहा है। मौसम विभाग की माने तो इस सीजन में अब 94.5 मिलीमीटर बारिश हुई है। जबकि गत वर्ष इस समय यह आंकड़ा सवा 306.2 मिलीमीटर के करीब रहा है।
गत वर्ष की तुलना में इस बार हुई बारिश को देखते हुए अल्पवर्षा की स्थिति माना जा रहा है। मौसम विभाग की माने तो इस सीजन में अब 94.5 मिलीमीटर बारिश हुई है। जबकि गत वर्ष इस समय यह आंकड़ा सवा 306.2 मिलीमीटर के करीब रहा है।
तराई अंचल में हुई बारिश
बुधवार को शहर व आस-पास के इलाकों में केवल रिमझिम फुहार गिरी। वहीं दूसरी ओर तराई अंचल के चाकघाट, त्योंथर व जवा जैसे क्षेत्रों के कुछ इलाकों में बारिश हुई है। कुल मिलाकर बुधवार को 8 मिली मीटर बारिश दर्ज की गई है।
बुधवार को शहर व आस-पास के इलाकों में केवल रिमझिम फुहार गिरी। वहीं दूसरी ओर तराई अंचल के चाकघाट, त्योंथर व जवा जैसे क्षेत्रों के कुछ इलाकों में बारिश हुई है। कुल मिलाकर बुधवार को 8 मिली मीटर बारिश दर्ज की गई है।
हुजूर में अब तक सबसे अधिक बारिश
एक जून से लेकर अब तक सबसे अधिक बारिश रीवा विकासखंड में आयोजित की गई है। बारिश के दर्ज आंकड़ों के मुताबिक हुजूर तहसील में 161.3 मिलीमीटर, रायपुर कर्चुलियान में 75 मिमी, गुढ़ में 42.8 मिमी, सिरमौर में 71 मिमी, त्योंथर में 110 मिमी, मऊगंज में 89.4 मिमी व हनुमना तहसील में 111.8 मिमी बारिश दर्ज की गई है। गत वर्ष इसी अवधि में हुजूर में 375.1 मिमी, रायपुर कर्चुलियान में 240 मिमी, गुढ़ में 404 मिमी, सिरमौर में 175.6 मिमी, त्योंथर में 223 मिमी, मऊगंज में 459.6 मिमी व हनुमना तहसील में 266.1 मिमी बारिश दर्ज की गई थी।
एक जून से लेकर अब तक सबसे अधिक बारिश रीवा विकासखंड में आयोजित की गई है। बारिश के दर्ज आंकड़ों के मुताबिक हुजूर तहसील में 161.3 मिलीमीटर, रायपुर कर्चुलियान में 75 मिमी, गुढ़ में 42.8 मिमी, सिरमौर में 71 मिमी, त्योंथर में 110 मिमी, मऊगंज में 89.4 मिमी व हनुमना तहसील में 111.8 मिमी बारिश दर्ज की गई है। गत वर्ष इसी अवधि में हुजूर में 375.1 मिमी, रायपुर कर्चुलियान में 240 मिमी, गुढ़ में 404 मिमी, सिरमौर में 175.6 मिमी, त्योंथर में 223 मिमी, मऊगंज में 459.6 मिमी व हनुमना तहसील में 266.1 मिमी बारिश दर्ज की गई थी।