जिले के गुढ़ के वार्ड-12 निवासी रेखा कोल (25) प्रसव पीड़ा से कराह रही थी। सुबह परिजनों ने जननी एक्सप्रेस को काल किया। करीब चार घंटे तक गरीब महिला प्रसव पीड़ा से तड़पती रही। बाद में परिजनों ने 108 पर फोन किया, जिसके बाद एसजीएमएच से आपाताकलीन सेवा पहुंची। गढ़ सीएचसी में डिलेवरी प्वाइंट पर पहुंचे। यहां पर महिला चिकित्सक नहीं मिलीं। नर्स के सहयोग से 108 के चिकित्सक ने महिला का प्रसव कराया गया।
परिजनों ने बताया कि जननी एक्सप्रेस के इंतजार में प्रसव होने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। नवजात का सिर फंसा रहा, जिससे प्रसव नहीं हो पाया। जैसे-तैसे सीएचसी लेकर पहुंचे। जहां नर्स के सहयोग से प्रसव कराया गया। लेकिन, तब तक नवजात की जान चली गई थी। जननी एक्सप्रेस व अस्पताल में महिला चिकित्सक के नहीं होने से यह हादसा हुआ। उधर रेखा की तबियत बि$डगने पर उसे संजय गांधी अस्पताल के गायनी वार्ड में भर्ती कराया गया है। हालत देररात तक गंभीर बनी रही। रेखा अस्पताल में जीवन मौत से संघर्ष कर रही है। परिजनोंं का रो-रोकर बुरा हाल है।
जिले के ग्रामीण क्षेत्र में पचास फीसदी से ज्यादा डिलेवरी प्वाइंट पर न तो नर्स मिलती हैं और न ही सीएचसी में महिला डॉक्टर मिलती हैं। ज्यादातर महिलाओं की डिलेवरी जिला मुख्यालय पर अस्पतालों में की जा रही हैं। जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते ग्रामीण क्षेत्र में डिलेवरी प्वाइंट की व्यवस्था भगवान भरोसे चल रही है।
मामला बेहद गंभीर है। एम्बुंलेंस ने कॉल अटेंड क्यों नहीं किया, इसकी जांच कराएंगे। परिजनों ने कितने बजे फोन किया। एम्बुलेंस का लोकेशन ट्रेस कराकर जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. आरएस पांडेय, सीएमएचओ