एसआई की तैयारी के समय उनकी बड़ी बहन रूपम शुक्ला ने उनकी बहुत मदद की थी। दरअसल दोनों लोग इंदौर के हॉस्टल में एक साथ रहकर पढ़ाई करती थी। उन्होंंने जब एसआई की तैयारी शुरू की तो हर समय बड़ी बहन ने साथ दिया। फिर चाहे उनके लिए नोट्स लाने हो या फिर तैयारी से जुड़ी आवश्यक टिप्स ढूंढनी हो। इतना ही नहीं जब वे देर रात तक पढ़ाई करती थी तो बड़ी बहन उनको चाय बनाकर भी पिलाती थी ताकि पढ़ाई के समय नींद न आये।
उपनिरीक्षक रितुका शुक्ला ने कहा कि सफलता उनको ही मिलती है जो ईमानदारी से मेहनत करतें है। एक दो बार असफलता से निराश होने की आवश्यकता नहीं है बल्कि अपना लक्ष्य निर्धारित कर प्रयास करें तो सफलता अवश्य मिलेगी। ईमानदारी से की गई मेहनत कभी बेकार नहीं जाती है। उन्होंने कहा कि युवा अपने लक्ष्य से न भटके। यदि उनके अंदर कुछ कर गुजरने का जज्बा है तो सफलता भी अवश्य मिलेगी।