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Women’s Day Special : जानिए कैसे, उपनिरीक्षक रितुका ने असफलता को मात देकर हासिल किया मुकाम

locationरीवाPublished: Mar 07, 2019 09:15:36 pm

Submitted by:

Shivshankar pandey

पहली बार असफलता से नहीं हुई निराश, दूसरी बार पा ली मंजिल,पुलिस विभाग की महिला उपनिरीक्षक को लगन ने दिलाई सफलता

Women's Day Special

Sub Inspector Rituka Shukla

रीवा. असफलता से जो लोग निराश नहीं होते है सफलता उनके कदम चूमती है। इस बात को पुलिस विभाग की महिला सब इंस्पेक्टर ने सच कर दिखाया है। जिला पुलिस बल में पदस्थ उपनिरीक्षक रितुका शुक्ला मूलत: शहडोल जिले के धनपुरी की रहने वाली हैं। रितुका की शुरू से ही सिविल सर्विसेस में जाने की इच्छा थी। पहली बार उन्होंने दोस्तों के कहने पर वर्ष 2013 में एसआई की परीक्षा दी लेकिन उनको कामयाबी नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने हार नहीं मानी और पहली बार की गल्तियों से सबक लेकर वर्ष 2014 में उन्होंने फिर परीक्षा दी और इस बार उनको सफलता मिली। उनकी प्रारंभिक शिक्षा सरस्वती शिशु मंदिर बुढ़ार में हुई थी और उच्च शिक्षा उन्होंने माता गुजरी महाविद्यालय जबलपुर से प्राप्त की थी। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय माता पिता सहित घर के सभी सदस्यों को दिया है जिन्होंने न सिर्फ उनको आगे बढऩे के लिए प्रेरित किया और हर कदम पर उनका साथ दिया। इसके साथ ही दोस्तों के मार्गदर्शन ने भी उनको यह मुकाम हासिल करने में काफी सहयोग किया है। इनके पिता रावेन्द्र शुक्ला कोल माइंस शहडोल में है और माता रीता शुक्ला गृहणी है।
बहन ने चाय पिलाकर भगाई नींद
एसआई की तैयारी के समय उनकी बड़ी बहन रूपम शुक्ला ने उनकी बहुत मदद की थी। दरअसल दोनों लोग इंदौर के हॉस्टल में एक साथ रहकर पढ़ाई करती थी। उन्होंंने जब एसआई की तैयारी शुरू की तो हर समय बड़ी बहन ने साथ दिया। फिर चाहे उनके लिए नोट्स लाने हो या फिर तैयारी से जुड़ी आवश्यक टिप्स ढूंढनी हो। इतना ही नहीं जब वे देर रात तक पढ़ाई करती थी तो बड़ी बहन उनको चाय बनाकर भी पिलाती थी ताकि पढ़ाई के समय नींद न आये।
असफलता से न हारे युवा, लक्ष्य निर्धारित कर करें मेहनत
उपनिरीक्षक रितुका शुक्ला ने कहा कि सफलता उनको ही मिलती है जो ईमानदारी से मेहनत करतें है। एक दो बार असफलता से निराश होने की आवश्यकता नहीं है बल्कि अपना लक्ष्य निर्धारित कर प्रयास करें तो सफलता अवश्य मिलेगी। ईमानदारी से की गई मेहनत कभी बेकार नहीं जाती है। उन्होंने कहा कि युवा अपने लक्ष्य से न भटके। यदि उनके अंदर कुछ कर गुजरने का जज्बा है तो सफलता भी अवश्य मिलेगी।
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