अस्पताल की ओपीडी खचाखच, चिकित्सक गायब
शनिवार को संजय गांधी अस्पताल की ओपीडी में दो हजार से अधिक मरीज पहुंचे। लेकिन चिकित्सकों की लापरवाही के कारण मरीजों को परेशान होना पड़ा। दोपहर 12.40 बजे सर्जरी आउटडोर कक्ष में ताला लगा था। हनुमना से इलाज के लिए पहुंचे मरीज को बैरंग लौटना पड़ा। मरीज के साथ आए तीमारदार शिवकरन ने बताया कि काउंटर पर डेढ़ घंटे बाद पर्ची मिली।
शनिवार को संजय गांधी अस्पताल की ओपीडी में दो हजार से अधिक मरीज पहुंचे। लेकिन चिकित्सकों की लापरवाही के कारण मरीजों को परेशान होना पड़ा। दोपहर 12.40 बजे सर्जरी आउटडोर कक्ष में ताला लगा था। हनुमना से इलाज के लिए पहुंचे मरीज को बैरंग लौटना पड़ा। मरीज के साथ आए तीमारदार शिवकरन ने बताया कि काउंटर पर डेढ़ घंटे बाद पर्ची मिली।
सर्जरी आउटडोर कक्ष में एक घंटे पहले लटने लगता है ताला
सर्जरी आउटडोर कक्ष के गेट पर 12 बजे से कतार में खड़ा था। डॉक्टर 12.40 बजे चले गए। इसी तरह अस्पताल के ज्यादातर ओपीडी में निर्धारित समय से एक घंटे पहले ही चिकित्सक जूडॉ के भरोसे चेंबर छोडक़र चले जाते हैं। उधर, दवा वितरण केंद्र पर महिला खिडक़ी और बुजुर्ग काउंटर बंद होने से मरीजों को परेशानी हो रही है। उमसभरी गर्मी में महिला मरीज लक्ष्मी पर्चा लेकर दवा लेने के लिए काउंटर की लाइन में 11.30 बजे से कतार में खड़ी रही, दोपहर दो बजे दवा मिली। कतार में खड़े कई बुजुर्ग जमीन पर बैठ गए। पूछने पर अस्पताल के कर्मचारियों ने बताया गया कि लंबे समय से महिला खिडक़ी बंद है।
सर्जरी आउटडोर कक्ष के गेट पर 12 बजे से कतार में खड़ा था। डॉक्टर 12.40 बजे चले गए। इसी तरह अस्पताल के ज्यादातर ओपीडी में निर्धारित समय से एक घंटे पहले ही चिकित्सक जूडॉ के भरोसे चेंबर छोडक़र चले जाते हैं। उधर, दवा वितरण केंद्र पर महिला खिडक़ी और बुजुर्ग काउंटर बंद होने से मरीजों को परेशानी हो रही है। उमसभरी गर्मी में महिला मरीज लक्ष्मी पर्चा लेकर दवा लेने के लिए काउंटर की लाइन में 11.30 बजे से कतार में खड़ी रही, दोपहर दो बजे दवा मिली। कतार में खड़े कई बुजुर्ग जमीन पर बैठ गए। पूछने पर अस्पताल के कर्मचारियों ने बताया गया कि लंबे समय से महिला खिडक़ी बंद है।
बुजुर्गों के लिए नहीं खोली गई खिडक़ी
संजय गांधी अस्पताल में औषधि केंद्र पर बुजुर्गों के लिए खिडक़ी नहीं खोली गई है। केंद्र पर कुल छह खिड़कियां हैं, जिनमें बुजुर्गों को दवा लेने के लिए अलग से कोई व्यवस्था नहीं की गई है। एक हजार से अधिक मरीजों के बीच सैकड़ों बुजुर्ग परेशान रहे।
संजय गांधी अस्पताल में औषधि केंद्र पर बुजुर्गों के लिए खिडक़ी नहीं खोली गई है। केंद्र पर कुल छह खिड़कियां हैं, जिनमें बुजुर्गों को दवा लेने के लिए अलग से कोई व्यवस्था नहीं की गई है। एक हजार से अधिक मरीजों के बीच सैकड़ों बुजुर्ग परेशान रहे।
दो दिन में 180 से ज्यादा भर्ती
15 अगस्त के बाद संजय गांधी अस्पताल की ओपीडी में तीन हजार से अधिक मरीजों का पंजीयन किया गया। शुक्रवार को 1200 से अधिक मरीज पहुंचे जिसमें 81 मरीजों को भर्ती कराया गया। शनिवार को २ हजार से ज्यादा मरीज पहुंचे। शुक्रवार को राष्ट्रीय शोक दिवस घोषित होने के बाद ज्यादातर डॉक्टर 11 बजे चले गए, जिससे मरीजों को भारी फजीहत हुई।
15 अगस्त के बाद संजय गांधी अस्पताल की ओपीडी में तीन हजार से अधिक मरीजों का पंजीयन किया गया। शुक्रवार को 1200 से अधिक मरीज पहुंचे जिसमें 81 मरीजों को भर्ती कराया गया। शनिवार को २ हजार से ज्यादा मरीज पहुंचे। शुक्रवार को राष्ट्रीय शोक दिवस घोषित होने के बाद ज्यादातर डॉक्टर 11 बजे चले गए, जिससे मरीजों को भारी फजीहत हुई।