रीवा

वर्क फ्राम होम : लॉकडाउन में विश्वविद्यालय ने कराया बेहतर कार्य, छात्रों के फीडबैक पर बनेगी रणनीति

– आनलाइन कक्षाओं के जरिए करीब 2800 छात्रों को उपलब्ध कराई पाठ्य सामग्री, छात्रवृत्ति एवं अन्य कार्य भी हुए
 

रीवाJun 12, 2020 / 09:46 pm

Mrigendra Singh

work from home, apsu rewa after lockdown time



रीवा। लॉकडाउन के दिनों में एक ओर जहां सारे कार्यालय बंद थे, लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई थी। ऐसी परिस्थिति में विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कराए गए कार्य से अब आगे के लिए नई दिशा तय हो रही है। लॉकडाउन की अवधि में छात्रों की आनलाइन कक्षाएं संचालित की गई और उन्हें आवश्यकता के अनुसार पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराई गई। वर्क फ्राम होम के जरिए किए गए कार्य के प्रति छात्रों ने संतुष्टि जाहिर की तो विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों से इसका फीडबैक लेना शुरू कर दिया है।
आनलाइन के माध्यम से ही छात्रों से यह पूछा जा रहा है कि उन्हें जो पढ़ाई कराई गई है उससे वह कितना संतुष्ट हैं और यह कैसा अनुभव रहा है। भविष्य में भी आनलाइन कक्षाओं को पसंद करेंगे क्या। इन सवालों के जवाब जो छात्रों की ओर से दिए गए हैं उनका परीक्षण कराने के लिए दूसरे विश्वविद्यालयों के प्रोफेसर्स और विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है।
बताया गया है कि अब वर्क फ्राम होम को विश्वविद्यालय नियमित कार्ययोजना का हिस्सा बनाने की तैयारी में है। इससे छात्रों को यह फायदा होगा कि जो किसी कारणवश विश्वविद्यालय कैम्पस में नहीं आ पा रहे हैं वे अपने घर से ही कक्षाएं अटेंड कर सकेंगे।

– छह हजार से अधिक आनलाइन कक्षाएं चलाई
विश्वविद्यालय ने यूटीडी के छात्रों के लिए करीब दो महीने तक आनलाइन कक्षाएं संचालित की। जिसमें करीब छह हजार की संख्या में स्पेशल गेस्ट वीडियो, पीपीटी, नोट्स एवं अन्य पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराई गई। इसके लिए छात्रों के वाट्सएप और फेसबुक मैसेंजर में गु्रप बनाए गए थे। कक्षावार प्राध्यापकों ने सामग्री उपलब्ध कराई। इस दौरान छात्रों को जानकारी लेने के लिए भी अवसर दिया गया, ताकि अपनी जिज्ञासा के अनुसार सवाल कर सकें। इसके बाद पूछे गए सवालों का भी जवाब सोशल मीडिया ग्रुप के जरिए ही दी गई।

– हर दिन 40 फीसदी आ रहे कर्मचारी
शासन के निर्देश के बाद विश्वविद्यालय ने अपना कार्यालय तो खोल दिया है लेकिन कुलसचिव ने निर्देश दिया है कि आवश्यकता के अनुसार विभागाध्यक्ष 30 से 50 प्रतिशत तक ही कर्मचारियों को हर दिन रोटेशन के आधार पर बुलाएं। जानकारी मिली है कि करीब ४० प्रतिशत कर्मचारी हर दिन पहुंच रहे हैं। इनकी संख्या 140 से 150 के बीच होती है।

– प्रोफसरों को अधिक मेहनत पड़ती है
लगातार वर्क फ्राम होम के जरिए छात्रों को आनलाइन जानकारियां उपलब्ध करा रहे विश्वविद्यालय के एमबीए विभाग के प्रमुख डॉ. अतुल पाण्डेय बताते हैं कि सामान्य कक्षाओं में पाठ्यक्रम के अनुसार जानकारी दी जाती रही है। आनलाइन कक्षाओं में अधिक मेहनत करनी पड़ी है। कोर्स से जुड़े नोट्स, पीपीटी तैयार करना, वीडियो के माध्यम से जानकारी उपलब्ध कराना आदि कई फार्मेट में काम करना चुनौती भरा काम रहा है। डॉ. पाण्डेय ने बताया कि विश्वविद्यालय के प्रोफसर्स के लिए भी यह नया अनुभव रहा है। आगे चलकर दिनचर्या का हिस्सा बनाया जा सकता है।


लॉकडाउन के दौरान वर्क फ्राम होम का कांसेप्ट प्रयोग किया गया। जिसका अच्छा परिणाम रहा है। कुलपति जी ने छात्रों से इसका फीडबैक लेने के लिए सर्वे कराया है। जिसका मूल्यांकन किया जा रहा है। आने वाले समय में इसे किस रूप में लागू करना है यह तय किया जाना है। मेरा मानना है कि इसे कामकाज का हिस्सा बनाना चाहिए।
डॉ. बृजेश सिंह, कुलसचिव-एपीएस विश्वविद्याल रीवा
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