राशि में घालमेल होने की आशंका
प्रसाधन सुविधा के लिए चार लाख रुपए शासन की ओर से आवंटित किए गए थे। जिसमें दो नग रेडीमेट प्लास्टिक टायलेट लगाए गए हैं। जिनकी कीमत बाजार में ६० हजार के करीब है। इन्हें लगाने और अन्य सामग्री में माना जा रहा हैकि कुल एक लाख रुपए खर्च हुए हैं। दो टायलेट लगाने में दो लाख के खर्चका अनुमान स्थानीय लोगों ने बताया है। ऐसे में शासन द्वारा आवंटित की गई राशि में घालमेल होने की आशंका भी जताईगईहै। सीसीएफ ने उस दौरान लोगों को आश्वस्त किया था कि यदि कहीं पर भी गड़बड़ी हुईहै तो उस पर कार्रवाई होगी। बताया जा रहा हैकि कुछ शिकायतें पर्यटन बोर्डके अधिकारियों के पास भी भेजी गई हैं।
प्रसाधन सुविधा के लिए चार लाख रुपए शासन की ओर से आवंटित किए गए थे। जिसमें दो नग रेडीमेट प्लास्टिक टायलेट लगाए गए हैं। जिनकी कीमत बाजार में ६० हजार के करीब है। इन्हें लगाने और अन्य सामग्री में माना जा रहा हैकि कुल एक लाख रुपए खर्च हुए हैं। दो टायलेट लगाने में दो लाख के खर्चका अनुमान स्थानीय लोगों ने बताया है। ऐसे में शासन द्वारा आवंटित की गई राशि में घालमेल होने की आशंका भी जताईगईहै। सीसीएफ ने उस दौरान लोगों को आश्वस्त किया था कि यदि कहीं पर भी गड़बड़ी हुईहै तो उस पर कार्रवाई होगी। बताया जा रहा हैकि कुछ शिकायतें पर्यटन बोर्डके अधिकारियों के पास भी भेजी गई हैं।
फोटोग्राफी स्पॉट अब तक विकसित नहीं
घिनौचीधाम में झरने और हरे-भरे जंगल के बीच मंदिर स्थित है। यहां पर फोटो खींचने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। प्रोजेक्ट में कहा गया था कि फोटोग्राफी स्पॉट और व्यू प्वाइंट विशेष रूप से बनाया जाए। जिससे लोग सुरक्षित स्थान से फोटो खींच सकें। इसके अलावा फेसिंग एवं रेलिंग, पैगोड़ा, मुख्य गेट, पार्किंग स्थल, पेयजल की व्यवस्था, प्रकृति पथ, सिटआउट, पौधरोपण आदि के कार्य कराने के लिए कहा गया था। जिसमें अधिकांश कार्य पूरे हो चुके हैं।
घिनौचीधाम में झरने और हरे-भरे जंगल के बीच मंदिर स्थित है। यहां पर फोटो खींचने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। प्रोजेक्ट में कहा गया था कि फोटोग्राफी स्पॉट और व्यू प्वाइंट विशेष रूप से बनाया जाए। जिससे लोग सुरक्षित स्थान से फोटो खींच सकें। इसके अलावा फेसिंग एवं रेलिंग, पैगोड़ा, मुख्य गेट, पार्किंग स्थल, पेयजल की व्यवस्था, प्रकृति पथ, सिटआउट, पौधरोपण आदि के कार्य कराने के लिए कहा गया था। जिसमें अधिकांश कार्य पूरे हो चुके हैं।
शूटिंग के लिए पहुंचे कलाकार
घिनौचीधाम में जंगल और झरने के प्राकृतिक दृश्य के बीच वीडियो शूट करने के लिए इनदिनों दूर-दूर से कलाकार आ रहे हैं। शुक्रवार को रीवा और सतना के कलाकार पहुंचे थे, जिन्होंने वीडियो एलबम के लिए शूटिंग की। बताया जाता हैकि कुछ दिन पहले भोपाल और छतरपुर की भी टीमें यहां पर फोटो और वीडियो शूट कर चुकी हैं। कई भजनों के वीडियो यहां पर फिल्माए गए हैं।
घिनौचीधाम में जंगल और झरने के प्राकृतिक दृश्य के बीच वीडियो शूट करने के लिए इनदिनों दूर-दूर से कलाकार आ रहे हैं। शुक्रवार को रीवा और सतना के कलाकार पहुंचे थे, जिन्होंने वीडियो एलबम के लिए शूटिंग की। बताया जाता हैकि कुछ दिन पहले भोपाल और छतरपुर की भी टीमें यहां पर फोटो और वीडियो शूट कर चुकी हैं। कई भजनों के वीडियो यहां पर फिल्माए गए हैं।