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रीवा सोलर पॉवर प्लांट को मॉडल के रूप में पेश करेगी मोदी सरकार, 121 देशों को बताई जाएंगी खूबियां

ग्लोबल इंवेस्टमेंट मीट में जुटेंगे 121 देशों के प्रतिनिधि, डाक्यूमेंट्री बनाकर खूबियां गिनाएगी केन्द्र सरकार

रीवाSep 13, 2018 / 12:23 pm

Mrigendra Singh

world largest solar power plant, 2nd Global RE-Invest

 
रीवा। अल्ट्रामेगा सोलर पॉवर प्लांट रीवा अब दुनिया के सामने मॉडल के रूप में पेश किया जाएगा। इंटरनेशनल सोलर एलाइंस के होने वाले सम्मेलन में भारत सरकार इसकी खूबियां गिनाएगी। ग्रेटर नोएडा में तीन से पांच अक्टूबर तक ग्लोबल इंवेस्टमेंट मीट का आयोजन किया जाएगा, जिसमें 121 देशों के प्रतिनिधि और बड़ी कंपनियों के लोग हिस्सा लेंगे।
भारत सरकार द्वारा सोलर एनर्जी के क्षेत्र में काम कर रहे लोगों को यह बताया जाएगा कि कम लागत में सस्ती बिजली किस तरह तैयार की जा सकती है। नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने दो विशेषज्ञों की टीम तैयार कर दी है, वह इस पर डाक्यूमेंट्री बनाएंगे। इस टीम में राजेन्द्र कोंडापल्ली एवं संजीव नाग को शामिल किया गया है। वह इसी सप्ताह रीवा आएंगे और यहां प्लांट की वीडियो रिकार्डिंग करेंगे और क्षेत्रीय लोगों से चर्चा कर डाक्यूमेंट्री बनाएंगे।
यह दूसरा अवसर होगा जब रीवा के अल्ट्रामेगा सोलर पॉवर प्लांट का इंटरनेशनल लेवल पर प्रजेंटेशन होगा। इसके पहले मार्च महीने सरकार ने शार्ट प्रजेंटेशन दिया था। जानकारी मिली है कि सम्मेलन में करीब दो दर्जन देशों द्वारा अपने यहां एनर्जी के क्षेत्र में किए गए कार्यों पर प्रजेंटेशन दिया जाएगा। रीवा का सोलर पॉवर प्लांट दुनिया के प्रमुख बड़े प्लांटों में शामिल है।
ये खूबियां प्रोजेक्ट को बनाती हैं मॉडल
750 मेगावॉट के अल्ट्रामेगा सोलर पॉवर प्लांट की स्थापना रीवा जिले के बदवार पहाड़ पर हुई है। यह भूमि पूरी तरह से पथरीली है, इसका कृषि या अन्य उपयोग नहीं था। साथ ही नेशनल हाइवे से लगी भूमि पर बनाया गया है। भारत में सोलर एनर्जी का यह पहला प्रोजेक्ट है, जिसमें एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश को बिजली भेजी जाएगी। अब तक जितने भी प्लांट रहे हैं उनकी बिजली का उपयोग स्थानीय स्तर तक ही सीमित रहा है। प्लांट का भौगोलिक वातावरण भी ऐसा है कि सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक यहां पर्याप्त मात्रा में प्रकाश रहता है।
सस्ती बिजली उत्पादन का प्लांट
देश में सोलर एनर्जी का यह ऐसा पहला पॉवर प्लांट जहां सबसे कम दर पर बिजली का उत्पादन होगा। २.९७ रुपए प्रति यूनिट की दर से यहां उत्पादन हो रहा है। अन्य प्लांट इससे महंगे दर पर बिजली बना रहे हैं। दुनिया के अन्य कई देशों की भारतीय मुद्रा में दर इससे अधिक बताई जा रही है।
750 मेगावॉट क्षमता वाले इस प्लांट को तीन इकाइयों में स्थापित किया गया है। हर इकाई के बिजली उत्पादन की क्षमता 250 मेगावॉट की हैं। यहां से 99 मेगावॉट बिजली दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन को भेजी जाएगी।

दुनिया में मिलेगी पहचान
सेकंड ग्लोबल इंवेस्टमेंट मीट तीन से पांच अक्टूबर के बीच नोएडा में तय किया गया है। यहां पर रीवा के सोलर पॉवर प्लांट का प्रजेंटेशन होना है। इसकी सूचना आई है, डाक्यूमेंट्री बनाने के लिए दो विशेषज्ञ अपनी टीम के साथ आएंगे। इससे इंटरनेशनल लेवल पर प्लांट को पहचान मिलेगी।
एसएस गौतम, जिला अक्षय ऊर्जा अधिकारी

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