युवाओं को अपने जीवन की सार्थकता सिद्ध करने के लिए स्वच्छता के माध्यम से देश के विकास में योगदान करना चाहिए। रीवा शहर में यदि युवा स्वच्छता अभियान को अपने हाथ में ले लें तो रीवा को नंबर वन रैंक मिलने में कोई कठिनाई नहीं होगी। उन्होंने कहा कि जहां स्वच्छता होती है वहां पवित्रता सृजित होती है। इससे स्वस्थ मस्तिष्क का विकास होता है। हम व्यक्तिगत जीवन में स्वच्छता को ध्यान देते हैं लेकिन सामूहिक या सामुदायिक स्वच्छता के प्रति भी हमें ध्यान देना चाहिए।
महाविद्यालय के भूतपूर्व छात्र एवं पुरा छात्र एसोसिएशन के सचिव इंजी. राजेन्द्र शर्मा ने कहा कि कोई भी अभियान हमारे देश में चलता है तो उसमें इंजीनियर्स की अहम भूमिका होती है। हम सबको गांधीजी के सपने को साकार कर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक से मुक्ति भी बहुत जरूरी है। इसके लिए हम सबकी जागरूकता एवं सहभागिता होना चाहिए।
इसके पहले महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. बीके अग्रवाल ने कहा कि कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने स्वच्छता अभियान प्रारंभ कर देश से गंदगी हटाने का सपना देखा था। यदि हम सब एक हो जाएंं तो हम अपने देश को साफ-सुथरा कर सकते हैं। कार्यशाला का संचालन महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. संदीप पाण्डेय ने किया, उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग पेशे से जुड़े व्यक्ति के मन में हर समय नया करने का उत्साह होता है। इसलिए रीवा को नंबर वन रैंक लाने में इंजीनियरिंग कालेज की भूमिका का भी योगदान होगा। कार्यशाला में उपायुक्त नगर निगम अरुण मिश्रा, सहायक आयुक्त निधि राजपूत, महाविद्यालय के प्राध्यापकगण व छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।