आरा मशीनों को भी दी जा रही जगह
फर्नीचर क्लस्टर में पूर्व में आरा मशीनों को जगह न देने का नियम था, लेकिन कई चरणों में हुई बैठकों व मांग पत्रों के बाद शासन ने इसको स्वीकृति दी है। यहां पर पूर्व से संचालित आरा मशीनों को ही शिफ्ट करके लाया जाएगा। इससे फायदा यह होगा कि शहर से आरा मशीनों बाहर हो जाएंगी।
पांच हजार से ज्यादा लोगों को मिलेगा रोजगार
फर्नीचर क्लस्टर के तहत सिद्धगुवां में करीब 200 करोड़ से 200 यूनिट्स की स्थापना की जानी है। सिद्धगुवां में जब सभी यूनिट लग जाएंगी तो अंचल के पांच हजार से ज्यादा लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
एक परिसर में आ जाएगा सारा कारोबार
विशेषज्ञों की माने तो वुडन वर्क करने वाले लोग अभी टुकड़ों में काम करते हैं, लेकिन जब फर्नीचर क्लस्टर आ जाएगा, तो फर्नीचर में उपयोग होने वाला हर आइटम सिद्धगुवां में ही तैयार होगा। कारोबारियों को एक्सपर्ट की मदद से नई तकनीकों की जानकारी दी जाएगी और यहां के फर्नीचर कारोबार को नई पहचान मिलेगी।
फैक्ट फाइल
– 200 करोड़ रुपए का है फर्नीचर क्लस्टर का प्रोजेक्ट – 83 एकड़ में होगा विकसित- 200 यूनिट्स होंगी स्थापित – 5000 से ज्यादा लोगों को मिलेगा रोजगार काम शुरू हो गया है फर्नीचर क्लस्टर के लिए 10 कारोबारियों को एलओआई जारी किया है, जिन्होंने जमीनी स्तर पर काम शुरू कर दिया है। अब धीरे-धीरे यूनिट्स की संख्या बढ़ती जाएगी। – मंदाकिनी पाण्डे, महाप्रबंधक, उद्योग विभाग