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12वीं का रिजल्ट नहीं हुआ घोषित, कॉलेजों में 1 अगस्त से शुरू हो जाएगी दाखिले की प्रक्रिया

कक्षा 12वीं के परीक्षा परिणामों को 10 वीं कक्षा के अंकों के आधार पर तैयार करने के राज्य सरकार के आदेश ने स्कूलों के सामने मुश्किल पैदा कर दी है। इस आधार पर परिणाम तैयार करने में कई परेशानी आ रही है। यही वजह है कि १२वीं परीक्षा परिणाम अब तक तैयार नहीं हुआ है

सागरJul 21, 2021 / 11:38 am

Atul sharma

सागर.कक्षा 12वीं के परीक्षा परिणामों को 10 वीं कक्षा के अंकों के आधार पर तैयार करने के राज्य सरकार के आदेश ने स्कूलों के सामने मुश्किल पैदा कर दी है। इस आधार पर परिणाम तैयार करने में कई परेशानी आ रही है। यही वजह है कि १२वीं परीक्षा परिणाम अब तक तैयार नहीं हुआ है। जुलाई का महीना बीतने को है और परीक्षा परिणाम जारी होने की तारीख नहीं आई है। यदि परिणाम समय पर नहीं आता है कॉलेज में दाखिला लेने के लिए विद्यार्थियों की परेशानी बड़ जाएगी। विद्यार्थी भी रिजल्ट का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। वहीं कॉलेज में यूजी-पीजी कोर्स में प्रवेश के लिए उच्च शिक्षा विभाग ने आनलाइन और आफलाइन की प्रक्रिया एक अगस्त से शुरू कर दी है। १ अगस्त से आवेदन से शुरू हो जाएंगे।
ऐसी होगी कॉलेज में दाखिले की प्रक्रिया
अधिकारियों के अनुसार ऑनलाइन दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों की सूची जिस तरह प्रत्येक चरण के बाद सरकारी व निजी कालेज पोर्टल पर अपलोड करते हैं। ठीक उसी तरह अब आफलाइन प्रवेश देने वाले अल्पसंख्यक कालेजों को भी करना है। प्रक्रिया में पारदर्शिता रखने को लेकर विभाग ने प्रबंधन को निर्देश जारी कर दिए हैं। सूची अपलोड होने के बाद ही खाली सीटों पर कॉलेज अगले चरण में दाखिला दे सकेंगे।
आवेदन का किया जाएगा ई सत्यापन
इस वर्ष कॉलेज में दाखिले के लिए विद्यार्थियों का ई-सत्यापन किया जाएगा। इसके अलावा इस बार छात्र अपनी इच्छानुसार तीन मुख्य विषयों में से किसी एक विषय के स्थान पर अन्य संकाय से तीसरे मुख्य विषय का चयन कर सकता है। हालांकि स्नातक प्रथम वर्ष में अर्हकारी परीक्षा के संकाय से परिवर्तन कर प्रवेश चाहने वाले विद्यार्थियों को उनके प्राप्तांको से पांच प्रतिशत घटाने के बाद ही उनका गुणानुक्रम निर्धारित होगा और अधिभार घटे हुए प्राप्तांको पर ही देय होगा। गौरतलब है कि पिछले वर्ष उच्च शिक्षा विभाग के दाख दावे के बावजूद भी विद्यार्थियों को कॉलेज पहुंचकर दस्तावेज सत्यापन कराना पड़ रहा था। इसके पीछे वजह यह थी कि कई विद्यार्थियों के डाटा ऑनलाइन उपलब्ध नहीं थे। इस बार भी उच्च शिक्षा विभाग ने दस्तावेज सत्यापन की ऑनलाइन व्यवस्था बनाई है, लेकिन यह कितना कारगर होगी यह वक्त बताएगा।
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