चिमनी से निकलने वाले जहरीले धुएं के प्रभाव को कम करने के लिए इसमें डिवाइज का प्रयोग किया जाएगा। इसके अलावा जो राख बचेगी। उसे इंदौर के पीथमपुर भेजा जाएगा। प्लांट में एक कंट्रोल रूम भी बनाया जाएगा। यहां से हर अस्पताल के मेडिकल वेस्ट के निष्पादन की प्रक्रिया पर भी नजर रखी जाएगी। प्लांट के अंदर चार तरह के केबिन बनाए जा रहे हैं, जहां अलग-अलग तरह के कचरों को रखा जाएगा और मशीन के जरिए जलाया जाएगा।
-दमोह जिला भी होगा शामिल
इंसीनरेटर प्लांट में जिले के अलावा दमोह, बीना और खुरई से भी वायोमेडिकल वेस्ट निष्पादन के लिए आएगा। कंपनी ने इसके लिए इन सभी जगहों की स्वास्थ्य संस्थानों से संपर्क कर आवेदन करा लिए हैं। हालांकि छतरपुर, पन्ना और संभाग के बाहर के जिलों को भी इससे जोड़ा जाएगा। जानकारी के अनुसार दमोह से वायोमेडिकल वेस्ट सतना प्लांट पर जाता है।
-सड़क का काम शुरू न होने से डीन भड़के
प्लांट का जायजा लेने के लिए रविवार को डीन डॉ. जीएस पटेल हफसिली पहुंचे थे। उन्होंने एप्रोच रोड का काम शुरू होने पर नाराजगी जाहिर की। प्लांट पर उन्होंने पीडब्ल्यूडी अधिकारी को फोन किया और सड़क बनाने का काम शुरू न हो पाने की वजह पूछी। संतोषजनक जवाब न मिलने पर अधिकारी को डीन कार्यालय बुलाया। डॉ. पटेल ने बताया कि टेंडर हो चुके हैं और एजेंसी भी तय हो चुकी है, लेकिन इसके बाद भी ठेकेदार ने काम शुरू नहीं किया है।
फैक्ट फाइल
८.५० रुपए- प्रति बेड लगेगा चार्ज
१ रुपए- बीएमसी को मिलेगा।
५०- सरकारी व निजी संस्थाएं पंजीकृत
प्लांट का मैने निरीक्षण किया था। चिमनी इंस्टॉल हो गई है। कुछ जरूरी उपकरण आना है। मेरे हिसाब से इस प्लांट को १५ दिन में चालू किया जा सकता है। एप्रोच रोड का काम शुरू नहीं हुआ है इसके लिए पीडब्ल्यूडी अधिकारी से जवाब मांगा है। यह काम भी दो दिन में शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं।
डॉ. जीएस पटेल, डीन बीएमसी