सागरPublished: Sep 16, 2018 09:43:11 am
Sanket Shrivastava
जिले में एचआइवी पॉजीटिव मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
200 patients 215 deaths each year of HIV
सागर. जिले में एचआइवी पॉजीटिव मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। पिछले ३ साल में इस बीमारी से पीडि़त 600 से ज्यादा मरीज सामने आए हैं। इनका उपचार बीएमसी के एआरटी सेंटर में चल रहा है। हैरानी की बात यह है कि 2016 तक एड्स रोगियों की संख्या लगभग 800 थी, लेकिन अब यह बढ़कर 14 सौ हो चुकी है। अहम बात यह है कि एचआईवी पॉजीटिव प्रसूताओं के प्रसव के बाद जन्मे शिशु भी इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। एआरटी सेंटर में ३५ एचआईवी से बच्चे दर्ज हैं। इनकी उम्र १५ वर्ष से कम है।
बता दें कि बीएमसी में एआरटी सेंटर की शुरुआत २०११ में हुई थी। यहां एचआईवी की जांच कराने लोग पहुंच रहे हैं। प्रसूताओं की जांचें भी हो रही हैं। जानकारी के अनुसार प्रसव के दौरान जांच में महिलाओं को एचआइवी पॉजीटिव निकल रहा है। 98 फीसदी प्रसूताओं ने प्रसव के बाद स्वस्थ्य बच्चे ही जन्में हैं, लेकिन पिछले महीने एक महिला ने नियमित दवाएं न लेने के कारण एचआईवी पीडि़त शिशु को जन्म दिया है।
एड्स पीडि़त 215 मरीजों की मौत हो चुकी है। इनमें अधिकांश जिले के लोग हैं। कई एेसे थे, जिन्होंने जांच कराने में देरी की और जब दवाएं शुरू हुईं तो उसके कुछ महीने बाद उनकी मौत हो गई। इतनी बड़ी संख्या में एड्स रोगियों की मौत भी कहीं न कहीं जागरुकता की कमी को दर्शाता है।
रेस्ट एंड ट्रीटमेंट प्लान लागू
जिले में बढ़ती एड्स रोगियों की संख्या से स्वास्थ्य विभाग भी खासा हैरान है। हालांकि केंद्र सरकार ने इनके उपचार को लेकर एक नई योजना तैयार की है। इसके तहत अब पॉजीटिव केस पाए जाने पर तुरंत मरीज का उपचार शुरू किया जा रहा है। रेस्ट एंड ट्रीटमेंट प्लान के जरिए पहले दिन से ही मरीजों को दवाएं मुहैया कराई जा रही हैं। वहीं, एचआइवी पीडि़त मरीज को टीबी होने पर इसकी दवा भी एआरटी में मुफ्त दी जा रही है।
जागरूकता की कमी
– एचआइवी पॉजीटिव मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। हालांकि एआरटी सेंटर पर दर्ज होने वाले मरीजों में अधिकांश नियमित दवाओं का सेवन कर रहे हैं। इससे उनकी हालत बेहतर है। जागरुकता की कमी के कारण इस तरह की बीमारी फैल रही है।
अनुपम बोहरे, वरिष्ठ परामर्शदाता