scriptनगर निगम: दो करोड़ की राशि दो साल से गायब, लेकिन एक भी आरोपी पर कार्रवाई तक नहीं | 2crore 5lakh rupees missing in Municipal Corporation sagar from 2 year | Patrika News

नगर निगम: दो करोड़ की राशि दो साल से गायब, लेकिन एक भी आरोपी पर कार्रवाई तक नहीं

locationसागरPublished: Jul 31, 2022 01:25:35 pm

– आभा कंसल्टेंसी एजेंसी का एक और फर्जीवाड़ा सामने आया- दो करोड़ की राशि बांटने की नहीं दी जानकारी- हितग्राहियों के फर्जी नाम जोड़कर सोनी व अन्य कर्मचारियों द्वारा राशि हड़पने की आशंका

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सागर। नगर निगम में दो साल से दो करोड़ 5 लाख रुपए की राशि गायब है। निगम प्रशासन ने मामले की जांच भी कराई, जिसमें आभा कंसल्टेंसी के अनुराग सोनी समेत निगम के एक अधिकारी और चार कर्मचारियों की लापरवाही उजागर हुई थी, लेकिन आज तक एक पर भी कार्रवाई नहीं हुई। इतना ही नहीं इस राशि का आज तक कोई पता नहीं चला है। प्रधानमंत्री आवास योजना के बीएलसी घटक के तहत हितग्राहियों को चिह्नित कर उन्हें योजना का लाभ दिया जाना था, लेकिन आभा कंसल्टेंसी ने फर्जी नाम जोड़कर निगमकर्मियों के साथ दो करोड़ की राशि का ठिकाने लगा दिया।

50 करोड़ का फर्जीवाड़ा!
बीएलसी फर्जीवाड़े का सबसे बड़ा मास्टर माइंड अनुराग सोनी रहा। निगम प्रशासन द्वारा कराई गई जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि हितग्राहियों को पहली किश्त में एक-एक लाख रुपए की राशि देने की बात कही गई है, लेकिन दूसरी किश्त में कितनी राशि दी, इसका कोई उल्लेख नहीं है। प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंसी के सोनी ने हितग्राहियों की व्यक्तिगत नस्ती एक बार भी निगम प्रशासन को नहीं दी और करोड़ों रुपए बंटवा दिए। सूत्रों की माने तो बीएलसी फर्जीवाड़े की सही तरीके से जांच की जाए तो सोनी का 50 करोड़ से ज्यादा का फर्जीवाड़ा सामने आएगा।

निगम अधिकारियों को नहीं दी जानकारी
अनुराग सोनी बीएलसी योजना समेत कई योजनाओं में फर्जीवाड़ा कर चुका है, लेकिन हर बार एजेंसी का नाम बदलकर यही व्यक्ति निगम में काम कर रहा है। निगम की ऑडिट शाखा द्वारा बैंक खाता में दो करोड़ की राशि कम होने की जानकारी जैसे ही वरिष्ठ अफसरों को दी गई और जांच हुई तो सोनी के साथ तत्कालीन उपायुक्त डॉ. प्रणय कमल खरे, अहफाज हुसैन, दिनेश कनौजिया, राजकुमार गुप्ता के साथ भी उजागर हुए।
सोनी से तत्कालीन सहायक आयुक्त साजिदा कुरैशी, मीना कोरी, राजकुमार गुप्ता ने अलग-अलग पत्रों के माध्यम से अनुराग सोनी से चार बार बीएलसी के हितग्राहियों की जानकारी मांगी, लेकिन एक भी बार सोनी द्वारा जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई।
1903 हितग्राती अपात्र या फर्जी नाम जोड़े
दो करोड़ की राशि से जुड़े दस्तावेज न होने के कारण ऐसा अंदेशा लगाया जा रहा है कि सोनी ने डीपीआर में फर्जी नाम जोड़कर उन्हें बैंक से निकाल लिया है। ऑडिट की आपत्ति के बाद भी बैंक से राशि निकलती रही और 2 करोड़ 5 की जगह अंत में बैंक खाता में दो करोड़ 25 लाख 40 हजार रुपए का अंतर पाया गया।

फैक्ट फाइल-
– 816 तीसरी व 3337 चौथी डीपीआर में पाई गई थी गड़बड़ी।
– 1903 हितग्राही जांच में पाए गए थे फर्जी।
– 2020 में सामने आया मामला, कोरोनाकाल में दबाया।
– 02 साल में न राशि वसूली न ही हुई कार्रवाई।

खरे सेवानिवृत्त, गुप्ता का हुआ स्थानांतरण
विवादों के बीच तत्कालीन उपायुक्त डॉ. प्रणय कमल खरे पिछले महीनों में सेवानिवृत्त हो गए तो वहीं निगमकर्मी राजकुमार गुप्ता का मकरोनिया नगरपालिका में स्थानांतरण हो गया है। अनुराग सोनी अब भी एजेंसियों के नाम बदलकर निगम में काम रहा है जबकि अहफाज व दिनेश अब भी निगम में सेवाएं दे रहे हैं।

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