जिले में हजारों की संख्या में विद्यार्थी केवल 1 विषय में 2 नंबर से फेल हुए हैं, जबकि ग्रेस देने का नियम है। वहीं अंकसूची में माता-पिता के नाम सहित कई अशुद्धि सामने आ रही हैं। जिन्हें सुधरवाने के लिए भी माता-पिता परेशान हो रहे हैं। एमएलबी स्कूल के परीक्षा केंद्र समन्वयक अरिवंद जैन ने बताया कि 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा में यदि विद्यार्थी 1 विषय में 5 नंबरों से भी फेल होता है तो उसे फेल नहीं किया जाता है बल्कि 5 नंबर तक की ग्रेस देकर पास कर दिया जाता है।
600 अंकसूची में किया सुधार
पांचवी-आठवीं की परीक्षा करीब 13 वर्षों के बाद बोर्ड परीक्षा के आधार पर ली गई। राज्य शिक्षा केंद्र ने भी वन क्लिक के माध्यम से रिजल्ट जारी किया, लेकिन अंकसूची में कई त्रुटियां सामने आ रही है। रिजल्ट घोषित होने के बाद सागर ब्लॉक की ही 600 अंकसूची में सुधार कराया गया है। अंकसूची में माता-पिता का नाम गलत लिखा हुआ है।
2 नंबर से किया फेल
पुरव्याउ निवासी छात्र अक्षय वाल्मिकी को कक्षा 8वीं में पर्यावरण अध्ययन पेपर में लिखित में 18 अंक दिए हैं जबकि पास होने के लिए 20 अंक चाहिए होते हैं। प्रोजेक्ट वर्ग में 29 अंक मिले हैं। अब अक्षय को पर्यावरण अध्ययन में पुन: परीक्षा देने होगी।
3 अंक से किया फेल
शासकीय माध्यमिक शाला घाटमपुर की छात्रा रीता कुर्मी को विज्ञान विषय की लिखित परीक्षा में 17 और प्रोजेक्ट वर्क में 35 अंक मिले हैं। रीता को विज्ञान विषय की पुन: परीक्षा देने होगी। छ: विषयों में केवल विज्ञान विषय में 3 अंक से फेल किया गया।