नहीं हुआ उद्घाटन मालथौन ब्लॉक की हड़ली पंचायत में मां जागेश्वरी समूह को संचालन की जिम्मेदारी दी गई है। लेकिन गौशाला निर्माण कार्य पूरा होने के बाद यहां उद्घाटन नहीं हुआ है, इसलिए एक भी पशु को यहां लाया गया नहीं गया है। वहीं खुरई की बसाहारी पंचायत में अब तक अनुबंध नहीं हो पा रहा है। मालथौन पंचायत में पंचायत खत्म होने के बाद सहयोग नहीं मिल रहा है। कई जगह मनरेगा के तहत बन रही गौशाला के लिए बजट की खत्म हो गया है।
निर्माण कार्य नहीं हुआ पूरा
गौशाला निर्माण कार्य प्रवासी मजूदरों से कराया जा रहा है। इन गौशालाओं का निर्माण लॉकडाउन के बाद ही पूरा हो जाना चाहिए था लेकिन कई जगह निर्माण कार्य अब भी अटका हुआ है। जैसीनगर के खमकुंआ, हिन्नौद और शाहगढ़ की हीरापुर पंचायत में बिल्डिंग निर्माण कार्य अब तक पूरा नहीं हुआ है। वहीं देवरी की रायखेड़ी और बण्डा की भेड़ाखास पंचायत में भी बिल्डिंग निर्माण नहीं हुई है। समय पर काम पूरा न होने की वजह से अवारा पशु अब भी सड़कों पर ही घूम रहे हैं।
2452 पशुओं को भी रखा
गौशालाओं की क्षमता के अनुसार यहां कम संख्या में ही पशुओं को रखा है। अवारा पशुओं को गौशालाओं तक लाने का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। जिले की 22 गौशालाओं में कुल 2452 पशु ही हैं। जैसीनगर की बांसा पंचायत में तो केवल 15 पशुओं को ही रखा गया है।
निर्माण कार्य नहीं हुआ पूरा
गौशाला निर्माण कार्य प्रवासी मजूदरों से कराया जा रहा है। इन गौशालाओं का निर्माण लॉकडाउन के बाद ही पूरा हो जाना चाहिए था लेकिन कई जगह निर्माण कार्य अब भी अटका हुआ है। जैसीनगर के खमकुंआ, हिन्नौद और शाहगढ़ की हीरापुर पंचायत में बिल्डिंग निर्माण कार्य अब तक पूरा नहीं हुआ है। वहीं देवरी की रायखेड़ी और बण्डा की भेड़ाखास पंचायत में भी बिल्डिंग निर्माण नहीं हुई है। समय पर काम पूरा न होने की वजह से अवारा पशु अब भी सड़कों पर ही घूम रहे हैं।
2452 पशुओं को भी रखा
गौशालाओं की क्षमता के अनुसार यहां कम संख्या में ही पशुओं को रखा है। अवारा पशुओं को गौशालाओं तक लाने का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। जिले की 22 गौशालाओं में कुल 2452 पशु ही हैं। जैसीनगर की बांसा पंचायत में तो केवल 15 पशुओं को ही रखा गया है।