दरअसल खुरई के जवाहर नवोदय विद्यालय में खाली हुई कक्षा 9 वीं की एक सीट के लिए में प्रवेश के लिए परीक्षा आयोजित हुई थी। इसमें 940 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया, जिसमें पहले स्थान पर आने पर सिमरन पिता रामकुमार भारद्वाज का चयन हुआ था। प्रवीणता के आधार पर इसका प्रवेश होना चाहिए था, लेकिन समस्या यह आड़े आ गई कि वह जिस स्कूल में पढ़ती थी। वह विदिशा जिले में आता है। ऐसे में छात्रा के परिजनों ने बताया कि छात्रा सिमरन मंडी बामोरा में जिस स्थान पर रहती है, वह सागर जिले में आता है। उसका आधार कार्ड सहित सभी दस्तावेज सागर जिले के ही है। छात्रा के पिता रामकुमार भारद्वाज ने बताया कि मंडीबामोरा सागर और विदिशा जिले की सीमा पर होने की वजह से एमपीआनलाइन कियोस्क ने प्रवेश परीक्षा के फार्म में सिमरन के अध्ययनरत जिले में त्रुटि कर दी थी। सिमरन के पिता ने बताया कि प्रवेश पत्र आने पर जवाहर नवोदय विद्यालय के क्षेत्रीय कार्यालय भोपाल में त्रुटि सुधार करवाने गए थे। तब उन्हें आश्वासन मिला था कि आप परीक्षा दिलाइए। पास होने पर सुधार कर दिया जाएगा, लेकिन सुधार नहीं हुआ। जिस कारण सिमरन को अब नवोदय में प्रवेश नहीं मिल रहा है। रामकुमार का कहना है कि वह गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करते है। आरटीइ के तहत समर्पण स्कूल में सिमरन को पढ़ा रहे थे। बेटी ने कड़ी मेहनत कर परीक्षा पास की है तो उसे विदिशा या सागर जिले कहीं के भी नवोदय विद्यालय में जल्द ही प्रवेश मिलना चाहिए।
कलेक्टर और सांसद ने भी लिखे पत्र एक माह पहले सागर कलेक्टर दीपक आर्य और क्षेत्रीय सांसद राजबहादुर सिंह ने सिमरन के प्रकरण में उचित निराकरण कराने के लिए जवाहर नवोदय विद्यालय समिति के उपायुक्त को पत्र लिखा है, लेकिन अब तक निराकरण नहीं हो सका है। जिस कारण सिमरन की आगे पढ़ाई अधर में लटकी हुई है।
नवोदय विद्यालय में ही पढ़ना है पत्रिका से बातचीत में सिमरन ने कहा कि मुझे सिर्फ नवोदय विद्यालय में ही पढ़ना है। नवोदय विद्यालय में प्रवेश लेने के लिए मैं अपने पिता के साथ हर जगह मिन्नतें कर चुकी हूं, लेकिन अब तक मेरा प्रवेश नवोदय विद्यालय में नहीं हो सका है।
उच्च अधिकारियों को भेजा है प्रकरण नियमानुसार जिस जिले के नवोदय विद्यालय में अभ्यर्थी प्रवेश चाहता है। उसी जिले में स्थित मान्यता प्राप्त स्कूल से आठवीं की परीक्षा पास की हो। सिमरन भारद्वाज निवासी तो सागर जिले की है, लेकिन उसने आठवीं की परीक्षा विदिशा जिले के स्कूल से पास की है। जिस कारण वह प्रवेश के लिए पात्र नहीं है। फिर भी उक्त प्रकरण उचित कार्रवाई के लिए उच्च अधिकारियों को प्रेषित किया है।
योगेंद्र सिंह भदौरिया, प्राचार्य जवाहर नवोदय विद्यालय, खुरई