scriptकोयले से भरी बोगी में धधकती रही आग, फिर भी दौड़ती रही मालगाड़ी | A fire in a Wagon filled with coal hindi news | Patrika News

कोयले से भरी बोगी में धधकती रही आग, फिर भी दौड़ती रही मालगाड़ी

locationसागरPublished: Jan 03, 2018 12:05:29 pm

असलाना रेलवे स्टेशन पर लोगों को नजर आई थी डिब्बे में लगी आग, मकरोनिया स्टेशन पर दमकल ने बुझाई

Wagon train fire

Wagon train fire

सागर. पटरियों पर दौड़ती कोयले से भरी मालगाड़ी की बोगी से उठते धुएं और चिंगारियों से मंगलवार शाम को खलबली मच गई। सूचना लगते ही मकरोनिया रेलवे स्टेशन पर दमकल व तकनीकी दस्ते को तैनात किया गया। असलाना से रवाना हो चुकी मालगाड़ी को पथरिया स्टेशन पर ट्रैक खाली नहीं होने से आगे रवाना कर दिया गया। मालगाड़ी पांच स्टेशन और ५७ किलोमीटर की दूरी तय कर मकरोनिया स्टेशन पहुंची। यहां पहले से तैयार रेलकर्मी और फायरमैनों ने ओएचई पावर को ब्लॉक करके कोयले में धधक रही आग पर काबू पा लिया। दो माह में कोयले से लदी मालगाड़ी में आग भभकने की यह दूसरी घटना है।
जानकारी के अनुसार मंगलवार दोपहर करीब सवा तीन बजे असलाना स्टेशन से गुजर रही कोयले से लदी मालगाड़ी में इंजन से चौथे नंबर की बोगी से आग और धुआं उठने की सूचना किसी ने स्टेशन स्टाफ को दी थी। सूचना मिलने तक मालगाड़ी पथरिया स्टेशन पहुंच चुकी थी, लेकिन वहां ट्रैक पर जगह नहीं होने से उसे जगह नहीं मिली। इस कारण ट्रेन गनेशगंज, डांगीडहर, गिरवर और लिधौरा स्टेशन से गुजरते हुए ५७ किमी दूरी तय करके मकरोनिया रेलवे स्टेशन पहुंची।
यहां सहायक स्टेशन प्रबंधक पीसी साहू के अलावा रेलवे का तकनीकी अमला व दमकल पहले से ही तैयार कर ली गई थीं। ट्रेन के रुकते ही तकनीकी अमले ने पहले ओएचई केबल से पावर ब्लॉक किया और फिर दमकलकर्मियों ने बोगी में कोयले के बीच धधक रही आग को पानी की फुहारों से कुछ ही देर में बुझा दिया। एएसएम साहू के अनुसार कोयले में आग कैसे और कब लगी? अभी इसके संबंध में कोई जानकारी नहीं लगी है। अधिकारियों को सूचना दे दी है।

सुरक्षा इंतजाम के बिना पावर ब्लॉक
आग को बुझाने के लिए रेलवे का तकनीकी अमला मकरोनिया रेलवे स्टेशन पहुंचा, उसके पास कोई सुरक्षा उपकरण नहीं थे। पटरियों के ऊपर से गुजरने वाली ओएचई केबल से पावर ब्लॉक करने के लिए कर्मचारी बिना सुरक्षा उपकरण के ही खंभों पर चढ़ गए और कई हजार वोल्टेज करंट के बीच काम करते रहे। इस संबंध में एएसएम साहू का कहना है कि पावर ब्लॉक जबलपुर से होता है। इसलिए सुरक्षा उपकरण पहनने की आवश्यकता नहीं होती है।

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