सागरPublished: Jul 28, 2021 08:27:38 pm
sachendra tiwari
आवाज व प्रदूषण खत्म
AC, fans and other equipment in trains will run directly from electricity, diesel generators pollute the environment
बीना. रेलवे ने कई ट्रेनों में अब डीजल जनरेटर की जगह पर सीधे ओएचइ लाइन से करंट देकर उपकरणों को चलाने की तैयारी कर ली है। वर्तमान में भोपाल एक्सप्रेस में यह प्रयोग कर भी लिया गया है, जिसमें डीजल जनरेटर की बजाए बिलजी से चलाने पर पर्यावरण प्रदूषण भी नहीं होगा। साथ ही प्रतिवर्ष डीजल पर होने वाले लाखों रुपए बचेंगे। दरअसल रेलवे ने भोपाल मंडल के अंतर्गत कई प्रयोग यात्री सुविधा से लेकर रुपयों की बचत तक के लिए किए हैं, जिसमें अब नया प्रयोग किया गया है और अब नए प्रकार के पॉवर कार तैयार किए जा रहे है, जिसमें ओएचइ लाइन से सीधे टे्रन में बिजली की सप्लाई की जा रही है। इससे सबसे बड़ा फायदा यह है कि डीजल जनरेटर से डीजल की खपत नहीं होगी और पर्यावरण प्रदूषित भी नहीं होगा। इस प्रयोग से रेलवे को हर वर्ष करीब साढ़े सात करोड़ रुपए की बचत भी होगी।
ऐसे काम करता है नया पॉवर कार
डीजल जनरेटर के बिना पॉवर कार में ओएचइ लाइन से सीधे बिजली ट्रेन के सभी कोच में जरूरी बिजली आपूर्ति को पूरा करती है, जिससे पंखे, एसी, बल्ब सहित अन्य उपकरण चलाए जा सकते थे।
आवाज व प्रदूषण खत्म
एलएचबी कोच के साथ चलने वाली टे्रनों में दो पॉवर कार एक आगे व एक पीछे लगा होता है, जिसमें जिस दिशा में ट्रेन चलती है उसके पीछे वाला पॉवर कार चालू किया जाता है, लेकिन इसकी आवाज इतनी ज्यादा रहती है कि आसपास के कोचों में यात्रा करने वाले यात्रियों के अलावा गार्ड को भी आवाज सुनाई नहीं देती थी साथ ही इसमें डीजल के कारण धुआं निकलता था जो कि पर्यावरण को प्रदूषित करता है, लेकिन डीजल जनरेटर हटने से यह समस्या भी खत्म हो गई है।
डीजल जनरेटर हटने पर जगह का यात्रियों के लिए होगा उपयोग
पॉवर कार एक पूरा कोच रहता है, जिसमें 25 प्रतिशत हिस्सा गार्ड के लिए तो 75 प्रतिशत हिस्सा डीजल जनरेटर व उसे ऑपरेट करने वाले कर्मचारी के लिए रहता है, लेकिन अब ओएचइ से करंट देने के बाद डीजल जनरेटर को हटा दिया जाएगा जिससे उस जगह का उपयोग यात्रियों के लिए किया जा सकेगा।
पर्यावरण के अनुकूल हैं
यह पॉवर कार पर्यावरण के अनुकूल है। डीजल जनरेटर हटने से वायु प्रदूषण व ध्वनि प्रदूषण नहीं होगा। साथ ही उसके रखरखाव की राशि की भी बचत होगी।
विजय प्रकाश, सीनियर डीसीएम