scriptvideo: ब्रिज निर्माण के बीच आ रही दुकानों को तुड़वाने की कार्रवाई शुरू | Action to break shops coming in between bridge construction | Patrika News

video: ब्रिज निर्माण के बीच आ रही दुकानों को तुड़वाने की कार्रवाई शुरू

locationसागरPublished: Oct 14, 2019 09:05:54 pm

Submitted by:

sachendra tiwari

दुकानदारों ने कहा नहीं मिला मुआवजा

Action to break shops coming in between bridge construction

Action to break shops coming in between bridge construction

बीना. नईसब्जी मंंडी के पास से सागर रेलवे लाइन पर बन रहे ओवरब्रिज में सब्जी मंडी और एमएस कांप्लेक्स की दुकानें बीच में आने पर उन्हें अधिग्रहित किया गया है। साथ ही दुकानदारों को दुकानें खाली करने के लिए समय सीमा दी थी, लेकिन कुछ दुकानदारों ने दुकानें खाली नहीं की हैं। इन दुकानों को सोमवार को तुड़वाने का काम शुरू कर दिया गया है।
सुबह से राजस्व विभाग द्वारा एक बार और सीमांकन कार्य कराया गया। शाम 4.30 बजे से दुकानें तोडऩे की कार्रवाई एसडीएम केएल मीना के सामने शुरू हुई। सबसे पहले सब्जी मंडी के यहां बनी पंद्रह दुकानें तोडऩे का काम शुरू हुआ, जिसमें छह दुकानें दुकानदारों ने स्वयं खाली कर ली थीं उन्हें पहले तोड़ा गया। पीछे की नौ दुकानों में सामान रखा था और शटर लगे हुए थे, लेकिन दुकानदार दुकान खाली करने तैयार नहीं थे, जिसपर उन दुकानों को भी तोडऩे के आदेश अधिकारियों ने दे दिए थे। दुकान तोडऩे के पहले ही दुकानदार विधायक महेश राय के साथ मौके पर पहुंचे और दुकान खाली करने की बात कही। शाम छह बजे से दुकानें खाली करना शुरू हो गया था। दुकान खाली होते ही इन्हें तोड़ दिया जाएगा। इसके बाद एमएस कांप्लेक्स की दुकानों को तोड़ा जाएगा। करीब 34 दुकानें यहां तोड़ी जानी हैं। दुकान तोडऩे के लिए शहर सहित आसपास के थानों से फोर्स बुलाया गया था।
30 सितंबर तक करनी थी दुकानें खाली
दुकानदारों को तीस सितंबर तक का समय दुकानें खाली करने का दिया गया था, लेकिन दुकानें खाली नहीं की गईं। समय-सीमा बीतने के बाद फिर से दुकानदारों को नोटिस दिए गए थे और तीन दिन का समय दिया था, लेकिन अभी तक दुकानें खाली नहीं की गई हैं।
दुकानदारों ने कहा उन्हें नहीं मिले रुपए
एमएस कांप्लेक्स में दुकानें पगड़ी देकर किराए पर ली गई हैं और दुकानें टूटने के बाद दुकानदारों को कुछ नहीं मिला है। जबकि उन्होंने लाखों रुपए की पगड़ी दी है और किराया भी देते थे। दुकानदारों का कहना है कि उन्हें न मुआवजा मिला है और न ही पगड़ी वापस दी गई है। इस संबंध में दुकानदानों ने न्यायालय में केस लगाया है। वहीं अधिकारियों का कहना है कि मुआवजा दे दिया गया है, लेकिन वहां विवाद होने के कारण प्रकरण न्यायालय में है।

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