script६ महीने पहले विज्ञापन किए जारी, लेकिन अब तक नहीं सिलेक्ट कर पाए फिजियोथैरेपिस्ट | Advertisements released 4 months ago, but physiotherapists have not be | Patrika News

६ महीने पहले विज्ञापन किए जारी, लेकिन अब तक नहीं सिलेक्ट कर पाए फिजियोथैरेपिस्ट

locationसागरPublished: Aug 17, 2019 08:25:00 pm

-बीएमसी में एक दशक से नहीं फिजियोथैरेपी यूनिट, 2 साल पहले शुरू हुई थी प्रक्रिया, लंबा उपचार चलने और निजी सेंटरों पर फीस मंहगी होने के कारण मरीजों को हो रही परेशानी।

Advertisements released 4 months ago, but physiotherapists have not be

६ महीने पहले विज्ञापन किए जारी, लेकिन अब तक नहीं सिलेक्ट कर पाए फिजियोथैरेपिस्ट

सागर. बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में मरीजों को रिकवर होने के लिए फिजियोथैरेपी यूनिट की सुविधा नहीं है। मेडिकल कॉलेज को शुरू हुए एक दशक बीत चुका है, लेकिन इस यूनिट को अभी तक प्रबंधन स्थापित नहीं कर पाया है। फिजियोथैरपी की आवश्यकता खासतौर पर उन मरीजों के लिए होती है, जिनकी सर्जरी हुई हो। या फिर हड्डी से जुड़े मरीज, जिनकी मासपेसियां कमजोर हो गई है।
वहीं, लकवाग्रस्त मरीजों के लिए यह यूनिट होना बहुत जरूरी है। इस यूनिट के न होने से मरीजों को निजी फिजियोथैरपी सेंटर पर जाना पड़ रहा है, जहां उन्हें मंहगी फीस देनी पड़ रही है। यहां बता दें कि दो साल पहले इसको शुरू करने की कवायद हुई थी। छह महीने पहले प्रबंधन ने फिजियोथैरपिस्ट की नियुक्ति के लिए विज्ञापन भी जारी किए थे। लेकिन अभी तक फिजियोथैरेपिस्ट का चयन नहीं हुआ है।

-घुटनों और कमर में दर्द के बढ़ रहे मरीज
मेडिसिन विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. मनीष जैन बताते हैं कि बीएमसी में ५० साल से अधिक उम्र वाले मरीजों में कमर दर्द, जोड़ों में तकलीफ और एड़ी में परेशानी होना शुरू हो जाती है। बीएमसी में प्रतिदिन इस तरह के ४० से ५० मरीज उपचार के लिए आते हैं। निजी क्लीनिक के फिजियोथैरेपिस्ट बताते हैं कि इस तरह की तकलीफ के लिए एक्सरसाइज जरूरी है। एेसे मरीजों के पैर की मांसपेशियां कमजोर हो जाती है, जो फिजियोथैरपी के जरिए ही काफी हद तक ठीक हो पाती हैं।

-फीस मंहगी, लंबा चलता है ट्रीटमेंट
विशेषज्ञ बताते हैं कि यह ट्रीटमेंट शरीर के पुनर्वास के लिए होता है। यह लंबी प्रक्रिया है, जिसमें यह नहीं बताया जा सकता कि मरीज रिकवर होने में कितना वक्त लेगा। वहीं, निजी फिजियोथैरेपी सेंटरों की फीस काफी ज्यादा है। जानकारी के अनुसार एक दिन की फिजियोथैरपी फीस २०० रुपए है। एेसे में एक गरीब व्यक्ति इनता खर्च नहीं उठा सकता। एेसे ढेरों मामले हैं, जहां मरीजों को फिजियोथैरपी की जरूरत है, लेकिन फीस न दे पाने के कारण भगवान भरोसे हैं।

फिजियोथैरेपी यूनिट होने पर इन्हें मिलेगा लाभ

-लकवाग्रस्त मरीजों के लिए फायदेमंद।
-आइसीयू में भर्ती मरीजों को सांस लेने में तकलीफ होती है। चेस्ट फिजियोथैरेपी के जरिए इनका उपचार हो सकता है।

-लग्ंस और हार्ट सही ढंग से काम करने लगते हैं।
-सर्जरी के बाद मरीज को सामान्य अवस्था में लाने के लिए फिजियोथैरपी जरूरी है।

-वाइपास में सर्जरी बहुत कारगर है।
-प्रसव से पहले और प्रसव के बाद में महिला के लिए फिजियोथैरेपी होना फायदेमंद होता है।

-छोटे बच्चों, जिनका पूर्ण विकास नहीं हो पाता। उनके लिए यह यूनिट फायदेमंद होती है।


यूनिट शुरू करने की प्रक्रिया चल रही है। फिजियोथैरेपिस्ट के लिए विज्ञापन जारी होने के बाद प्राप्त आवेदनों की स्क्रूटनी की जा चुकी है। जल्द ही साक्षात्कार के जरिए इनकी नियुक्ति कर दी जाएगी। यूनिट के लिए उपकरण व जरूरी मशीनों की भी जल्द खरीदी की जाएगी।

डॉ. जीएस पटेल, डीन बीएमसी

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