अस्थमा के मरीजों की बढ़ी परेशानी
सागर•Oct 18, 2019 / 08:44 pm•
anuj hazari
Allergy and asthma patients rise from dust after rain, not expert in hospital
बीना. बारिश रुकते ही सड़कों पर धूल के गुबार उडऩे लगे हैं, जिसके कारण एलर्जी व अस्थमा के मरीज बढ़ गए है। धूल के कारण एलर्जी व अस्थमा के रोजाना अस्पताल में 40 से 45 मरीज पहुंच रहे हैं, लेकिन अस्पताल में इस रोग से संबंधी विशेषज्ञ न होने के कारण उन्हें समय से इलाज नहीं मिल पाता है और उन्हें भोपाल व सागर जाकर इलाज कराना पड़ता है। इस समय अस्पताल में ओपीडी की संख्या तो पिछले दिनों की अपेक्षा कम हुई है, लेकिन धूल के कारण अस्थमा और एलर्जी के मरीजों में इजाफा हुआ है। सरकारी अस्पताल के अलावा निजी अस्पतालों में भी इनकी संख्या बढ़ गई है। शहर के खुरई रोड के खराब हो जाने के कारण यहां पर बड़े वाहन निकलते ही धूल के गुबार उडऩे लगते हैं यदि यहां से दिन में कोई व्यक्ति दो से तीन बार निकल जाए तो वह धूल के कारण खांसी व सर्दी से ग्रसित हो जाते हैं। इसके बाद लेकिन यहां धूल से निजात दिलाने के लिए प्रशासन की ओर से कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। बारिश के बाद ग्रामीण क्षेत्रों से वाहनों में चिपक कर आने वाली गीली मिट्टी अब सूख जाने के कारण भारी वाहनों के निकलने से उडऩे लगी है जो लोगों को बीमार बना रही है। कुछ इसी प्रकार के हाल खिमलासा रोड व आगासौद रोड का भी है जहां पर धूल के गुबार लोगों को बीमार बना रहे हैं।
दस दिन में बढ़ें पांच गुना तक मरीज
सिविल अस्पताल हो या निजी अस्पताल पिछले दस दिन का रिकॉर्ड देखा जाए तो एलर्जी से परेशान मरीजों की संख्या पांच गुना तक बड़ी है। धूल के कारण मरीजों को सांस लेने में परेशानी होने लगती है। इसके अलावा अस्थमा के मरीजों को तो मानों यह धूल जहर साबित हो रही है।
मास्क बांधकर निकलें
डॉ. आरके जैन ने लोगों को धूल से होने वाली बीमारी से बचने के लिए सलाह दी है कि वह मॉस्क बांधकर ही घर से बाहर निकलें। वहीं अस्थमा के मरीजों को ठंडी व मीठी चीजें न खाने की सलाह दी है।
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