अभी केंद्रों पर बच्चे केवल पोषण आहार लेने के लिए पहुंच जाते हैं, इनके बाद सीधे स्कूल में दाखिला होने पर पढ़ाई करने में परेशानी होती है। केंद्रों में ही बच्चों को पहली कक्षा के लिए ट्रेंड कर दिया जाएगा।
यह हुआ है काम
– आंगनबाड़ी सेंटर पर पढ़ाई के लिए कार्यकर्ताओं को ५ दिन की ट्रेनिंग दी गई है। ब्लॉक लेबल पर नियुक्त समन्वयक द्वारा इसकी मॉनीटरिंग भी की जाएगी। – नर्सरी एजुकेशन के लिए सिलेबस तैयार किया गया है। अक्षर ज्ञान, चित्र ज्ञान आदि गतिविधियों के माध्यम से खेल-खेल में बच्चों को पढ़ाया जाएगा। इसके लिए दर्ज बच्चों को किट भी दी जाएगी, जिसमें रंग और अक्षर ज्ञान के अक्षर होते हैं।
– कैलेंडर के अनुसार कक्षाओं में हो रही पढ़ाई की मॉनीटरिंग का काम ब्लॉक लेबल पर सीडीपीओ, जिला लेबल पर डीपीओ और संभाग लेबल पर संयुक्त संचालक को सौंपा जाएगा।
– आंगनबाड़ी सेंटर पर पढ़ाई के लिए कार्यकर्ताओं को ५ दिन की ट्रेनिंग दी गई है। ब्लॉक लेबल पर नियुक्त समन्वयक द्वारा इसकी मॉनीटरिंग भी की जाएगी। – नर्सरी एजुकेशन के लिए सिलेबस तैयार किया गया है। अक्षर ज्ञान, चित्र ज्ञान आदि गतिविधियों के माध्यम से खेल-खेल में बच्चों को पढ़ाया जाएगा। इसके लिए दर्ज बच्चों को किट भी दी जाएगी, जिसमें रंग और अक्षर ज्ञान के अक्षर होते हैं।
– कैलेंडर के अनुसार कक्षाओं में हो रही पढ़ाई की मॉनीटरिंग का काम ब्लॉक लेबल पर सीडीपीओ, जिला लेबल पर डीपीओ और संभाग लेबल पर संयुक्त संचालक को सौंपा जाएगा।
नहीं हो रहा था योजना पर काम भारत सरकार द्वारा 2012 में आंगनबाड़ी केंद्रों पर अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एज्युकेशन की योजना शुरू गई थी लेकिन प्रदेश में इस योजना पर कोई अमल नहीं हुआ। दरअसल, आंगनबाडिय़ों को बेहतर बनाने के लिए फरवरी में भोपाल में बैठक का आयोजन किया गया। जिसके बाद इस योजना के तहत विद्यार्थियों को आधुनिक शिक्षा देने पर भी विचार किया गया। प्रदेश में 2013-2014 में चाइल्डहुड केयर एंड एज्युकेशन की प्लानिंग तैयार की गई थी। इसके लिए ब्लॉक स्तर पर कोऑडिनेटर रखे गए थे। जिनसे विभाग के दूसरे काम पूरे कराए जाने लगे और योजना का लाभ विद्यार्थियों को नहीं मिल पाया। शासन स्तर पर उदासीनता की वजह से योजना कागजों में ही सिमट कर रह गई।
पॉयलेट प्रोजेक्ट के तहत छतरपुर में पहुंची पुस्तक ें
महिला बाल विकास अधिकारी भरत सिंह राजपूत ने बताया कि अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एज्युकेशन योजना के तहत केंद्रों पर बच्चों को पढ़ाई कराई जा रही है। सागर जिले की कार्यकर्ताओं को इसके लिए बकायदा ट्रेनिंग दी गई है। वहीं पायलेट प्रोजेक्ट के तहत अभी छतरपुर के सेंटर में बच्चों को किताबें मिली हैं। गीत, कहानी और अक्षर ज्ञान पर आधारित पुस्तकें हैं।
महिला बाल विकास अधिकारी भरत सिंह राजपूत ने बताया कि अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एज्युकेशन योजना के तहत केंद्रों पर बच्चों को पढ़ाई कराई जा रही है। सागर जिले की कार्यकर्ताओं को इसके लिए बकायदा ट्रेनिंग दी गई है। वहीं पायलेट प्रोजेक्ट के तहत अभी छतरपुर के सेंटर में बच्चों को किताबें मिली हैं। गीत, कहानी और अक्षर ज्ञान पर आधारित पुस्तकें हैं।
यह है स्थिति जिला केंद्र दर्ज लाभार्थी
सागर 2366 133086 110619 पन्ना 1452 57884 48432
दमोह 1742 75093 58462 छतरपुर 2058 124094 109596
टीकमगढ़ 1296 64762 55079
सागर 2366 133086 110619 पन्ना 1452 57884 48432
दमोह 1742 75093 58462 छतरपुर 2058 124094 109596
टीकमगढ़ 1296 64762 55079