सागरPublished: Sep 23, 2020 08:58:18 pm
anuj hazari
मनमर्जी से पहुंच रहे स्वास्थ्यकर्मी रेलवे स्टेशन
Arrangements derailed, passengers are no longer checked at the station
बीना. सरकार ने रेलवे स्टेशन पर जांच को प्राथमिकता से रखा है, जिसमें जांच के बिना कोई भी यात्री स्टेशन में प्रवेश नहीं कर सकता है न ही स्टेशन से बाहर आ सकता है, लेकिन स्टेशन पर ऐसी व्यवस्था है कि बाहर से यदि कोरोना पॉजिटिव आ भी जाए तो पता नहीं चलेगा। क्योंकि यहां पर स्वास्थ्यकर्मी अपनी मर्जी से पहुंच रहे हैं, यदि उनका मन न हो तो वह ड्यूटी पर नहीं जाते हैं। बुधवार को पत्रिका टीम ने स्टेशन पर पांच घंटे तक पड़ताल की तो पता चला कि स्वास्थ्यकर्मी अपने मन से ही ड्यूटी पर पहुंचते हैं। यदि उनका मन नहीं है तो वह स्टेशन पहुंचकर यात्रियों के स्वास्थ्य की जांच नहीं करते हंै। दोपहर में साबरमति एक्सप्रेस, शाम में कुशीनगर एक्सप्रेस तक स्वास्थ्य कर्मियों ने स्टेशन पर यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग की, लेकिन उसके बाद शाम साढ़े पांच बजे जब मंगला एक्सप्रेस स्टेशन पहुंची तो यात्री सीधे स्टेशन में एंट्री करते गए और आने वाले यात्री भी बिना किसी जांच के सीधे बाहर आ गए। पड़ताल में एक बात तो साफ हो गई कि यहां पर मनमाने तरीके से काम किया जा रहा है। इस दौरान केवल टीटीइ ही ड्यूटी पर मिले जो आने वाले सभी यात्रियों के टिकट की जांच कर रहे थे कि रिजर्वेशन है कि नहीं।
अधिकारी नहीं आते जांच करने
ड्यूटी लगाने के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का भी यह दायित्व बनता है कि वह स्टेशन जाकर औचक निरीक्षण करें, जिससे यह पता चल सके कि सिविल अस्पताल से जिन स्वास्थ्यकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है वह जांच करने के लिए जा रहे है या नहीं।
बार-बार आने के कारण आते हैं स्वयं के वाहन से
दरअसल स्वास्थ्यकर्मियों को लाने ले जाने के लिए वाहन से भेजा जाता है, लेकिन स्वास्थ्यकर्मी केवल टे्रन के समय ड्यूटी करने के लिए आते हैं और इसके लिए वह सरकारी वाहन से न आकर स्वयं के वाहनों से आते हं, जिससे वह मनमर्जी से ड्यूटी कर सके।