सागरPublished: Aug 11, 2019 09:31:08 pm
sachendra tiwari
डॉक्टर, स्टाफ की कमी से व्यवस्थाएं चौपट
Arrangements in civil hospital getting worse day by day
बीना. सिविल अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर और अन्य स्टाफ के तबादले तो होते हैं, लेकिन नई पोस्टिंग नहीं की जा रही है। इसके लिए जनप्रतिनिधि और अधिकारियों द्वारा कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है, जिससे मरीज परेशान होते हैं। अस्पताल की बिगड़ती व्यवस्थाओं के कारण लोग निजी क्लीनिकों में अपना इलाज कराने मजबूर हैं।
सिविल अस्पताल में करीब दो साल पहले नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. पीके जैन का तबादला हुआ था और उनके जाने के बाद अभी तक यह पद खाली पड़ा है। नेत्र रोग विशेषज्ञ की पोस्ट को अभी तक नहीं भरा जा सका है, जिससे लोग परेशान हैं। नेत्र संबंधी बीमारी होने पर लोगों को सागर और भोपाल जाना पड़ता है। कुछ दिनों पूर्व ही अस्पताल में पदस्थ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. हिमांशु शर्मा का तबादला हो गया है और उन्हें रिलीव भी कर दिया गया है, जबकि अभी नए शिशु रोग विशेषज्ञ की यहां पोस्टिंग भी नहीं हुई है। उनके जाने के बाद से बच्चों को इलाज के लिए अस्पताल लेकर पहुंचने वाले सभी लोग परेशान हैं। उन्हें निजी क्लीनिक पर जाकर बच्चों का इलाज कराना पड़ रहा है। इसके साथ ही अस्पताल में हृदय रोग विशेषज्ञ, सर्जन, स्त्री रोग विशेषज्ञ की कमी बनी हुई है। इस कमी को दूर करने न तो जनप्रतिनिधि आगे आ रहे हैं और न ही अधिकारियों द्वारा ध्यान दिया जा रहा है।
सौ पलंग के अस्पताल की है दरकार
बीना क्षेत्र बढ़ा होने के कारण यहां सौ पलंग के अस्पताल की दरकार है और यह मांग विधानसभा चुनाव में भी जोरशोर से उठी थी। इसे पूरा कराने का आश्वासन भी दिया गया था, लेकिन अभी तक इस ओर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जबकि बीना से छोटी-छोटी तहसीलों में सौ पलंग के अस्पताल स्वीकृत किए जा रहे हैं। यदि यहां 100 पलंग का अस्पताल स्वीकृत हो जाता है तो डॉक्टर, स्टाफ की कमी भी दूर हो जाएगी।
प्रभारी लिख चुके हैं कई पत्र
सिविल अस्पताल में खाली पड़े पदों को भरने के लिए अस्पताल प्रभारी डॉ. आरके जैन द्वारा कई बार वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखा जा चुका है, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला। साथ ही अन्य व्यवस्थाओं में भी सुधार नहीं हो पा रहा है।