पेट्रोलिंग के नहीं इंतजाम, पुलिस के पहरे के बिना सूने और असुरक्षित हैं जिले के हाइवे
पिछले साल कंजर लुटेरों ने चार वारदातों को अंजाम देकर की थी लूट, ग्वालियर कोर्ट के अधिवक्ता और ट्रक ड्राइवरों को बनाया था शिकार

सागर. जिले के स्टेट और नेशनल हाइवे पेट्रोलिंग पार्टियों के पहरे के बिना सूने पड़े हैं और फिर इन पर लुटेरों द्वारा वारदात को अंजाम देने का अंदेशा गहरा गया है। शहर के तीन प्रमुख थाने कैंट, मोतीनगर और बहेरिया से स्टेट और नेशनल हाइवे गुजरते हैं लेकिन इन तीनों ही थानों में बल की संख्या काफी कम होने से अलग से हाइवे पेट्रोलिंग के इंतजाम नहीं किए जा रहे हैं। हांलाकि थाने से एफआरवी को आसपास के क्षेत्र में हाइवे की पेट्रोलिंग कराने का दावा किया जा रहा है लेकिन हादसों की स्थिति में इस व्यवस्था को हाइवे की चौकसी के लिए पुख्ता नहीं माना जा सकता।
यहां यह है स्थिति -
थाना कैंट -
कैंट थाना क्षेत्र से एनएच-26 गुजरता है। पटकुई मरियम चौक से लेकर गढ़पहरा होते हुए मोठी के नजदीक तक कैंट थाने की सीमा है। करीब 25 किमी क्षेत्र से यह नेशनल हाइवे गुजरता है जहां की निगरानी का जिम्मा थाने को उठाना होता है। लेकिन केवल 70 पुलिसकर्मियों के बल पर कोर्ट पेशी, हाइवे पेट्रोलिंग, बीट गश्त, सीसीटीएनएस ऑपरेटर, मालखाना पहरा, संतरी पहरा, रीडर, ड्राइवर, एफआरवी फोरव्हीलर, टू व्हीलर 100 डायल और बाज स्क्वॉड का संचालन मुश्किल हो रहा है। एेसे में थाना स्तर से एफआरवी टीम से आधी-अधूरी पेट्रोलिंग कराई जा रही है।
थाना मोतीनगर-
शहर का सबसे बड़ा थाना होने के बावजूद मोतीनगर में केवल 54 पुलिसकर्मियों की तैनाती है। यहां पर दो एफआरवी- दो टूव्हीलर डायल-100 और बाज स्क्वॉड के साथ ही काफी बड़ा शहरी क्षेत्र है। यहां भोपाल हाइवे के अलावा खुरई रोड भी आता है। थाने में काफी बड़ा ग्रामीण क्षेत्र भी है। लेकिन बल की कमी के कारण थाना क्षेत्र से अलग हाइवे पेट्रोलिंग की व्यवस्था की जगह एफआरवी टीम को ही रात में हाइवे पर गश्त की जिम्मेदारी दे दी गई है। लेकिन अकसर दुर्घटना और अन्य इवेंट में व्यस्त होने के कारण यह एफआरवी पेट्रोलिंग नियमित नहीं हो पा रही है। कुछ महीने पहले ही इस रोड पर सीहोरा क्षेत्र में अज्ञात बदमाशों ने चार्टर बस पर पथराव कर उसे रोकने की कोशिश की थी।
थाना बहेरिया -
बहेरिया थाना उपनगरीय क्षेत्र से सटा हुआ थाना है और यह एनएच-२६ के अलावा छतरपुर हाइवे और दमोह- जबलपुर हाइवे पर स्थित है। इस थाने में केवल 22 पुलिसकर्मी और 4 होमगार्ड सैनिक हैं जबकि कार्यक्षेत्र विस्तृत है। सबसे अधिक दुर्घटनाओं को भी इसी थाने की पुलिस को कवर करना होता है। कम बल के कारण इस थाने से भी हाइवे पर नियमित पेट्रोलिंग के इंतजाम नहीं हो पा रहे हैं। पिछले साल अप्रेल माह में इसी थाने की सीमा में गुढ़ा पहाड़ी पर एक साथ तीन ट्रकों को रोककर कंजर लुटरों ने वारदात को अंजाम दिया था। इन घटनाओं में एक ड्राइवर की मौत भी हो गई थी।
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