-सिर्फ एक अटेंडर को मिलेगा प्रवेश
बीएमसी में भर्ती वार्डों में मरीजों के अलावा बड़ी संख्या में अटेंडर भी रहते हैं। एक मरीज के साथ तीन से चार परिजनों के होने से वार्डों में भीड़ की स्थिति बनी रहती है। प्रबंधन ने कोरोना वायरस के फैलने की आशंका को ध्यान में रखते हुए नई व्यवस्था लागू कर दी है। इसके तहत अब भर्ती मरीज के साथ एक ही अटेंडर को वार्डों में प्रवेश दिया जाएगा।
-नंबर सिस्टम के तहत अस्पताल आएं
सर्जरी, हड्डी, मेडिसिन सहित अन्य वार्डों में भर्ती मरीजों के ऑपरेशन के लिए नंबर दिए जाते हैं। नंबर आने तक यह मरीज अस्पताल में भर्ती रहते हैं। इनमें से कई मरीज एेसे होते हैं, जिन्हें विशेष केयर की जरूरत नहीं होती है। यह कभी भी आकर अपना ऑपरेशन करा सकते हैं। एेसे ही मरीजों को नंबर दिए जाने के बाद उसी तरीख में बीएमसी बुलाया जाएगा और उन्हें घर पर रहने की सलाह दी जाएगी। उदाहरण के तौर पर यदि किसी मरीज के ऑपरेशन का नंबर एक महीने दिया जाता है तो उसे भर्ती नहीं किया जाएगा। बल्कि एक महीने बाद उसे बुलाया जाएगा और उसका ऑपरेशन किया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना को लेकर गाइड लाइन जारी की है। उसके तहत इलेक्टिव ऑपरेशन बीएमसी में नहीं होंगे। सिर्फ इमरजेंसी केस होने पर ही ऑपरेशन किए जाएंगे।
डॉ. राजेश जैन, एचओडी हड्डी विभाग
ओटी को संक्रमण रहित बनाने के लिए प्रतिदिन कल्चर कराना जरूरी है। ज्यादा ऑपरेशन से यह संभव नहीं हो पाता है। शासन के निर्देशों के तहत गंभीर मामलों में ही ऑपरेशन किए जाएंगे।
डॉ. आरएस वर्मा, एचओडी सर्जरी विभाग
वर्जन
शासन की गाइड लाइन के अनुरूप सभी विभागों के एचओडी की बैठक ली गई थी, जहां उन्हें इलेक्टिव ऑपरेशन न करने के निर्देश दिए हैं।
डॉ. जीएस पटेल, डीन बीएमसी