11 मार्च से होने वाली बैंकों की हड़ताल स्थगित, उपभोक्ताओं ने ली राहत की सांस
मांगों के चलते पूर्व से प्रस्तावित थी तीन दिवसीय हड़ताल, यूनाइटेड फोरम और बैंक एसोसिएशन के बीच बनी सामंजस्य की स्थिति बनने के बाद स्थगति की हड़ताल, तीन दिन की हड़ताल के चक्कर में पूरे सप्ताह बंद रहती सभी सरकारी बैंक शाखाएं

सागर. बैंक अधिकारी-कर्मचारियों की लंबित मांगों को लेकर प्रस्तावित तीन दिवसीय हड़ताल फिलहाल स्थगित कर दी है। मध्यप्रदेश बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन के प्रांतीय सचिव दिनेश खरे ने इस बात की पुष्टि भी कर दी है। खरे के अनुसार यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन और इंडियन बैंक एसोसिएशन के बीच हुई बैठक में सामंजस्य की स्थिति बनने के बाद यह निर्णय लिया गया है। बैंकों की हड़ताल स्थगित होने से ग्राहकों ने चेन की सांस ली है। क्योंकि यदि हड़ताल होती तो जिले की सभी सरकारी बैंक शाखाएं पूरे सप्ताह बंद रहतीं और ऐसे में लोगों को एटीएम में भी रुपए नहीं मिलते।
दरअसल सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के कर्मचारियों की सैलरी को हर पांच साल पर रिवाइज किया जाता है। पिछली बार बैंक कर्मचारियों की सैलरी को 2012 में रिवाइज की गई थी। इसके बाद 2017 में होने वाला रिवीजन पेंडिंग है। इसी को लेकर तीन दिवसीय हड़ताल प्रस्तावित थी। हालांकि अब चीफ लेवर कमिश्नर दिल्ली के आदेश के बाद हुई बैठक में 15 प्रतिशत वेतन वृद्धि के साथ अन्य कुछ मांगों पर जल्द ही समझौता हो जाएगा।
हड़ताल से यह बनती स्थिति
अगर बैंकों की हड़ताल स्थगित नहीं होती तो यह स्थिति निर्मित होती कि मार्च महीने में सरकारी बैंक 11 दिन बंद रहते। इसमें 8 से 15 मार्च के बीच तो हड़ताल के कारण बैंक का ताला केवल 9 मार्च को ही खुलता। इसका कारण यह था कि 8 मार्च को रविवार और 9 मार्च सोमवार को रात होलिका दहन के बाद मंगलवार 10 मार्च को धुड़ेरी का अवकाश, इसके बाद 11, 12 और 13 मार्च को बैंककर्मियों की हड़ताल, 14 मार्च को माह का दूसरा शनिवार और अगले ही दिन 15 मार्च को रविवार का अवकाश के चलते पूरे सप्ताह बैंक बंद रहता।
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