ऐसे समझें किराए का गणित
परिवहन विभाग के अनुसार सागर से इंदौर की सड़क मार्ग से दूरी 385 किलोमीटर है और सामान्य बसों में किराया 482 रुपए फिक्स किया गया है। हालांकि एसी और स्लीपर बसें यही किराया 1000 रुपए तक वसूलती हैं। इसके बाद हमने इतनी ही दूरी के लिए भोपाल से ग्वालियर (389 किलोमीटर) के बीच वंदे भारत ट्रेन का किराया देखा तो पता चला कि सामान्य सिटिंग का किराया 1040 रुपए है और एग्जीक्यूटिव क्लास का किराया 2475 रुपए है।बस से यात्रा करने से बच रहे लोग
त्योहारी सीजन में बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन की स्थिति देखी तो ट्रेन में तो मारामारी नजर आई, लेकिन बस स्टैंड पर दोपहर और शाम को सामान्य दिनों के जैसे ही भीड़-भाड़ नजर आई। दोज मुहूर्त के बाद हालात बदल सकते हैं। लोकल बसों में तो पहले की तुलना में यात्रियों की संख्या बढ़ी है, लेकिन लंबी दूरी की बसों में कुछ खास अंतर फिलहाल समझ नहीं आया है। इसकी एक वजह त्योहारी सीजन पर बस संचालकों द्वारा बढ़ाया गया किराया भी समझ आ रहा है।ट्रेन से हर रोज 5 से 7 हजार यात्री आ-जा रहे
त्योहार के पहले से ही सागर रेलवे स्टेशन पर जबरदस्त भीड़ देखी जा रही है। स्टेशन से चलने वाली करीब 16 लंबी दूरी की ट्रेनों में लोगों को रिजर्वेशन नहीं मिल रहे। वहीं दीपावली व छठ पूजा पर घर जाने वाले यात्रियों को ट्रेनों में काफी मशक्कत करनी पड़ी थी और अब उन्हें वापस लौटने में भी ऐसी ही परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। कुछ विशेष रूटों पर ट्रेन में नो रूम की स्थिति है। ट्रेन से हर रोज 5 से 7 हजार यात्री आ-जा रहे हैं।फैक्ट फाइल
– 400 से ज्यादा यात्री बसें चल रहीं– 33 से ज्यादा यात्री ट्रेन सागर से गुजरती हैं
– 5 से 7 हजार यात्री ट्रेनों से आ-जा रहे
– 4 से 6 हजार यात्री बसों के भरोसे
बसों के लिए हर जगह का किराया तय है। विशेष सुविधाओं पर कुछ अतिरिक्त किराया बस ऑपरेटर लेते हैं, लेकिन उसका भी निर्धारण किया है। यदि बस ऑपरेटर्स यात्रियों से अतिरिक्त किराया वसूल रहे हैं तो कार्रवाई की जाएगी।
सुनील कुमार शुक्ला, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, सागर