मशीनरी काम से बढ़ा आत्मविश्वास
महिला आईटीआई में इलेक्ट्रॉनिक मैकेनिक में लड़कियों की संख्या बढ़ी है। यहां गरीब परिवारों की बच्चियां भी पढ़ रही हैं। वे मशीनरी काम कर रही हैं। यहां से प्लेसमेंट के लिए इन्हें जयपुर, भोपाल, पुणे में कंपनियों में भेजा जा रहा है। यहां पर इस ट्रेड की 21 सीट हैं, जिन पर दाखिले हो चुके हैं। छात्रा डॉली यादव और निकिता तोमर ने बताया कि उन्होंने रुचि के अनुसार इस फील्ड को चुना है। वे तकनीशियन के तौर पर काम करना चाहती हैं। अभी मशीनरी का काम सीख रही हैं। उन्होंने बताया कि यहां आकर आत्मविश्वास बढ़ा है। सामान्य शिक्षा ही लड़कियों के लिए नहीं है, हम भी यहां कॅरियर बना सकते हैं।
ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में इन्हें नहीं है झिझक
ऑटोमोबाइल इंडस्ट्रीज में लड़कियों का रूझान देखा जा रहा है। मैकेनिकल इंजीनियरिंग करने के बाद प्रिया सिघ एक नीजी ऑटोमोबाइल कंपनी में अंबाला में काम कर रही है। उन्होंने शहर के ही एक निजी कॉलेज से पढ़ाई की। प्रिया ने बताया कि मशीनरी काम पसंद है। बीई मैकेनिकल इंजीनियरिंग से की और इसके बाद एमबीए किया। हाल ही में ऑटोमोबाइल कंपनी में चयन हुआ है, यहां मैकेनिकल से जुड़े कामकाम कर रही हूं।
अब शहर को स्मार्ट बनाने में रहेगा योगदान
इंजीनियर प्रिया जैन का हाल ही में नगरीय विकास प्राधिकरण में चयन हुआ है। सागर में ही ये सब इंजीनियरिंग के पद पर हैं। उनका चयन वर्ष 2017 में आयोजित इंजीनियर परीक्षा में हुआ। प्रिया ने बताया कि बीई सीविल इंजीनियरिंग से किया। आने वाले समय में सागर शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए काम करूंगी। यहां विकास के कार्यों में योगदान रहेगा। स्मार्ट सिटी के लिए विभिन्न नक्सों को बनाने का अवसर मिलेगा।
फैक्ट फाइल
इंजीनयरिंग निजी कॉलेज – 6 (1800 सीट)
शासकीय कॉलेज – 1 (270 सीट)
आईटीआई – 1
महिलाआईटीआई – 1
आईटीआई विंग – 28
पॉलीटेक्निक कॉलेज – 1