रोजाना 7 हजार से अधिक यात्री आते-जाते हैं: रेलवे स्टेशन से करीब 36 यात्री ट्रेनें गुजरती हैं। रोजाना करीब 7 हजार यात्री आते-जाते हैं। प्लेटफार्म पर बाउंड्रीवॉल न होने से कई बार स्टेशन पर इसी जगह से असामाजिक तत्व व मवेशी भी प्लेटफार्म पर आ जाते हैं।
रेलवे गेटमैन को सुरक्षा देगा आरपीएफ
सागर. रेलवे फाटक पर गेटमैन को धमकाने व गालीगलौज, मारपीट जैसी घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे ने उनकी सुरक्षा को पुख्ता करने का फैसला लिया है। पश्चिम मध्य रेलवे ने आरपीएफ को सभी गेटमैनों को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए गेट पर गश्त करने को कहा है। इसके तहत अब हर शिफ्ट में आरपीएफ का आरक्षक या अधिकारी अपने क्षेत्र के अधीन आने वाले सभी रेलवे फाटकों पर जाकर वहां तैनात गेटमैन से संपर्क करेगा। रेलवे फाटकों में ट्रेनों के आने के १० मिनट पहले गेट को बंद कर दिया जाता है। कई बार ट्रेन लेट होने या दूसरी ओर से भी ट्रेन आने पर गेट काफी देर तक बंद रहता है, इसके कारण दोनों ओर ट्रैफिक जाम रहता है। कई बार लोग आकर गेट को खोलने और बंद करने वाले गेटमैन पर नाराजगी जताते हुए उसके साथ अभद्रता व मारपीट तक कर देते हैं। इन्हीं घटनाओं को देखते हुए रेलवे ने इनकी सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए यह कदम उठाया है।
रेलवे पोस्ट में निरीक्षक सहित २४ सुरक्षाकर्मी हैं।
जबलपुर रेल मंडल के आदेशानुसार आरपीएफ के तहत आने वाले सभी रेलवे फाटकों पर २४ घंटे की तीनों शिफ्ट में १-१ बार जाकर वहां की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। इसके लिए प्रत्येक शिफ्ट में तैनात अधिकारी या आरक्षक गेट पर जाकर वहां तैनात गेटमैन से सुरक्षा को लेकर जानकारी लेगा। इसके साथ ही वह गेटमैन से चर्चा करते हुए एक तस्वीर लेकर भी अधिकारी को भेजेगा। मंडल द्वारा निरीक्षक का प्रतिवेदन भरने के लिए एक फॉर्मेट भी दिया गया है, जिसके प्रत्येक बिंदु को भरकर अपनी रिपोर्ट तैयार करता है। यह रिपोर्ट प्रतिदिन मंडल को भेजी जाती है।
रेलवे फाटक पर गेटमैन के साथ होने वाली अभद्रता और मारपीट जैसी घटनाओं के बाद आरपीएफ अब हर शिफ्ट में गेटमैन के पास जाकर उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।
श्वेता सूर्यवंशी, निरीक्षक आरपीएफ