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खरीफ विपणन सीजन 2018-19 में उपार्जन व भावांतर के पंजीयन शुरू सागर. मप्र खाद्य नागरिक आपूर्ति के निर्देश पर जिले में खरीफ सीजन वर्ष २०१८-१९ के लिए उपार्जन व भावांतर भुगतान योजना के पंजीयन करना शुरू कर दिया है। बीते साल हुए फर्जी पंजीयन को ध्यान में रखते हुए इस साल नियमों में कई प्रकार के बदलावा किए गए हैं। नए नियमों के तहत सबसे पहले तो यह स्पष्ट कर दिया है कि सभी किसानों को पुराना पंजीयन भूल नया पंजीयन कराना होगा। इसके लिए किसान का स्वयं अपना मोबाइल लेकर पंजीयन केंद्र पर पहुंचना अनिवार्य कर दिया है। खाद्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार किसानों के पंजीयन १० अगस्त से लेकर 11 सितंबर तक पंजीयन किया जाएगा। इसमें रविवार व शासकीय अवकाश छोड़कर रोजाना सुबह 9 से शाम 7 बजे तक पंजीयन किया जाएगा। नई व्यवस्था के तहत ऑफलाइन पंजीयन मान्य नहीं किए जाएंगे। पंजीयन फार्म में दर्शित रकबे का सत्यापन गिरदावरी एप के माध्यम से आनलाइन किया जाएगा। इसमें किसानों को यह सलाह भी दी गई है कि किसान अपने स्वामित्व की भूमि के रकबे व फसल संबंधी संशोधन राजस्व रिकार्ड में पंजीयन के पूर्व दुरूस्त करवा लें। इन का होगा पंजीयन धान, मक्का, ज्वार, बाजरा, अरहर, सोयाबीन, उड़द, कपास, मूंग, मूंगफली, तिल व रामतिल फसलों के पंजीयन किया जाएगा। दोबारा नहीं होगा पंजीयन ठ्ठखाद्य विभाग के अनुसार किसानों को अपने स्वामित्व की सभी कृषि भूमि चाहे वह जिले में हो या जिले से बाहर सभी का एक ही पंजीयन कराना होगा। दोबारा पंजीयन मान्य नहीं होगा। ठ्ठजो मोबाइल नंबर किसी पंजीयन में दर्ज हो जाएगा वह दोबारा दर्ज नहीं हो पाएगा। ठ्ठमोबाइल में आए वन टाईम पासवर्ड के आधार पर ही पंजीयन पूर्ण होगा। ठ्ठपंजीयन में किसान के दो एकल बैंक खाते दर्ज किए जाएंगे, जिनमें से एक खाता सहकारी व एक किसी राष्ट्रीयकृत बैंक का होना अनिवार्य है। ठ्ठकिसान को अपने आधार कार्ड, समग्र आईडी, ऋण पुस्तिका, सिकमी (बटाइदार) होने की स्थिति में भरा हुआ फॉर्म-6 की छायाप्रति स्वंय हस्ताक्षर करके देनी होगी।