इस अवसर पर बुंदेलखण्ड रेल विकास संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष पेट्रिस फुसकेले, महामंत्री रामचरण लंबरदार, अरविंद, गोवर्धन पटेल, देवेंद्र सिंघई, अरविंद पंथी, पुरुषोत्तम सेन, रमेश बौद्ध, अहमद खान सिद्धार्थ बौद्ध, सुशील सिंघई ने भी स्वागत किया। इस अवसर पर मोर्चा ने रेल प्रशासन से मांग की कि बीना-कटनी रूट पर दक्षिण भारत के लिए एक ट्रेन चलाई जाए। इसके अलावा दुर्ग-जयपुर, दुर्ग अजमेर, विशाखापत्तनम-भगत की कोटी और उदयपुर-शालीमार व जयपुर-शालीमार ट्रेन सागर से गुजरती हैं। यह सभी ट्रेन कटनी से बिलासपुर होते हुए आगे जाती हैं। अंत्योदय ट्रेन में
ट्रेन के डेढ़ सौ से अधिक टिकट बिके
राजस्थान से सागर होकर छत्तीसगढ़ जाने के लिए यह छटवीं अंत्योदय एक्सप्रेस ट्रेन है। पहले दिन करीब डेढ़ सौ यात्रियों से टिकट लेकर यात्रा की। इनमें कटनी, दमोह, बिलासपुर के ज्यादा यात्री थे। स्वागत के लिए विधायक सहित रेल सुधार समिति के सदस्यों ने चालक सुरेंद्र कुमार का माला पहनाकर स्वागत किया। स्टेशन प्रबंधक नरेंद्र सिंह सहित अन्य अधिकारियों ने ट्रेन के कोच में विधायक को लेकर उनमें लगे आरओ प्लांट और अन्य सुविधाओं से अवगत कराया।
यात्रियों ने सराहना कर बताई प्रचार प्रसार की जरूरत
&मैं जयपुर से बिलासपुर जा रहा हूं। ट्रेन सुविधाजनक है। लेकिन प्रचार-प्रसार न होने के कारण पूरी ट्रेन खाली है। रेलवे को इसका प्रचार-प्रसार करना चाहिए।
सतपाल सिंह, यात्री
&मुझे सागर से कटनी जाना है। स्टेशन आया तो पता चला एक्सप्रेस आ रही है। बहुत अच्छी ट्रेन है। इसकी सीट, खिड़कियां, दरवाजे, बाथरूम सभी अत्याधुनिक है।
धीरेंद्र नायक, यात्री
&मुझे दमोह जाना है। पहले हम पैसेंजर से जाने वाले थे, लेकिन एक्सप्रेस ट्रेन
का पता चला तो इसका टिकट ले लिया। इसकी स्पीड व किराया दोनों बढि़या है।
नेहा पयासी, यात्री
&मुझे सागर से कटनी जाना है। अंत्योदय ट्रेन पूरी तरह से खाली है। इसमें सुरक्षा भी होनी चाहिए। आज की तरह ही ट्रेन टाइम पर चले तब तो ठीक है।
मालती शर्मा, यात्री