युद्ध शुरू होने के बाद दहशत में निकले दिन
सागर
Updated: March 04, 2022 09:46:18 pm
बीना. यूक्रेन के तरनोपित में रहकर पढ़ाई कर रही बीना की बेटी दीप्ति वर्मा सुरक्षित दिल्ली पहुंच गई है, जिसे लेने के लिए उससे माता-पिता दिल्ली जा रहे हैं, छात्रा वहां एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही थी। जंक्शन पर पदस्थ चीफ लोको इंस्पेक्टर ब्रह्मसिंह वर्मा ने बताया कि उनकी बेटी दीप्ति यूक्रेन के तरनोपित में रहकर एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही थी, करीब आठ दिन पहले जैसे ही युद्ध शुरू हुआ तो परिवार चिंता में डूब गया। जिस हॉस्टल में वह रह रही थी, उसके ऊपर से फायर जेट निकल रहे थे जिससे रात-दिन दहशत में निकल रहा था। 27 फरवरी को भारतीय एंबेसी से मैसेज आया कि कैसे भी करके रोमानिया बॉर्डर पहुंच जाएं, जिसके बाद वह अन्य साथियों के साथ बॉर्डर पर पहुंच गई। लेकिन सुरक्षा गार्ड ने कॉलेज प्रतिनिधि नहीं होने पर उन्हें रोक लिया, जिससे दो रात एक दिन तक बॉर्डर पर ही रूकना पड़ा। यहां देरी होने पर सैकड़ों की संख्या में छात्र जमा हो गए, जिन्हें भूखे प्यासे शून्य तापमान में बर्फबारी के बीच गुजारा करना पड़ा। दीप्ति ने वीडियो कॉल के माध्यम से बताया कि लगातार संपर्क करने के बाद भी इंडियन एंबेसी न तो फोन रिसीव कर रहे थे, न ही मैसेज का रिप्लाई दे रहे थे। जिसके बाद वह खुद ही अन्य साथियों के साथ बॉर्डर पार कर रोमानिया पहुंची जहां पर भारतीय विमान से वह निशुल्क भारत पहुंची। छात्रा की मां सविता का बेटी के भारत पहुंचने तक रो रोकर बुरा हाल हो गया। दीप्ति के दिल्ली पहुंचने पर उसे लेने के लिए परिजन दिल्ली जा रहे है, जो संभवतः घर आ जाएगी।
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