सोलर एनर्जी डाइरेक्टली फीडिंग 25 केवी एसी ट्रैक्शन सिस्टम
सागर
Published: June 02, 2022 09:04:19 pm
बीना. रेलवे की सौर ऊर्जा की पहल को अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार भी मिल रहे हैं। एक जून को जर्मनी के बर्लिन में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सस्टेनेबल रेलवे अवॉर्ड के अंतर्गत बीना सोलर प्लांट को प्लेनेट कैटेगरी की बेस्ट यूज ऑफ जीरो कार्बन टेक्नोलॉजी के अंतर्गत पुरस्कार हासिल हुआ है। बीना में सौर ऊर्जा से 25 एसी ट्रैक्शन सिस्टम को सीधे फीड करने के लिए यह पुरस्कार मिला है। यह पुरस्कार जंक्शन के साथ पूरी भारतीय रेल के लिए गौरव की बात है। पमरे जीएम सुधीर कुमार गुप्ता ने अधिकारियों एवं रेल कर्मचारियों को इस सफलता के लिए बधाई भी दी है। दरअसल यूआइसी इंटरनेशनल नाम की संस्था रेलवे सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय स्तर के कई पुरस्कार प्रदान करती है। इसके अंतर्गत इनोवेशन इन मोबिलिटी दैट डिलीवर्स सोशल, एनवायरमेंटल एवं इकॉनामी आदि के लिए अवॉर्ड प्रदान किए जाते हैं।
स्पर्धा में यह रहे शामिल
प्लेनेट कैटेगरी के अंतर्गत जीरो कॉर्बन टेक्नॉलॉजी का बेहतरीन उपयोग की स्पर्धा में साओ पॉलो मेट्रो रेलवे, ईस्ट जापान रेलवे कंपनी तथा भारतीय रेलवे दौड़ में शामिल थी। जिसमें भारतीय रेलवे ने अन्य को दो प्रतिस्पर्धियों में पीछे छोड़ते हुए बाजी मारी और जंक्शन में स्थित सोलर प्लांट ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार हासिल किया है। पुरस्कारों का चयन यूआइसी की जानी मानी हस्तियां तथा रेलवे से जुड़े विभिन्न विषयों के विशेषज्ञ करते हैं। अंतरराष्ट्रीय सस्टेनेबल रेलवे अवॉर्ड के अंतर्गत भारतीय रेलवे को फरवरी 2022 में मिशन विद्युतीकरण को प्रमुख वैश्विक पुरस्कारों की दौड़ में शामिल कर लिया गया था।
बीना सोलर प्लांट की खासियत
- 1.7 मेगावॉट सोलर पॉवर प्लांट की क्षमता में 5800 सोलर मॉड्यूल है।
- 1015 पाइल फाउंडेशन का उपयोग करके मॉड्यूल माउंटिंग स्ट्रक्चर के 145 सेटों पर माउंट लगाए गए है।
- 400 वोल्ट एल्टरनेटिव करेंट (एसी) को स्टेपप कर 25 केवी एसी में दो ट्रैक्शन ट्रांसफॉर्मर के द्वारा फीड किया जाता है।
- अंडर ग्राउंड ट्रांसमिशन केबल के द्वारा 25 केवी एसी ट्रैक्शन सब सेक्शन और ओएचइ में सप्लाई करती है।
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