scriptBMC शोपीस बनकर रह गई है अमृत फॉर्मेसी, न डॉक्टर गंभीर हैं न फॉर्मासिस्ट | BMC Amtrit Pharmacy has become a showpiece Doctor is not serious | Patrika News

BMC शोपीस बनकर रह गई है अमृत फॉर्मेसी, न डॉक्टर गंभीर हैं न फॉर्मासिस्ट

locationसागरPublished: Sep 18, 2018 10:03:03 am

Submitted by:

sunil lakhera

ब्रांड नेम लिखने पर भी नहीं दे रहे सस्ती दवाएं

BMC Amtrit Pharmacy has become a showpiece Doctor is not serious

BMC Amtrit Pharmacy has become a showpiece Doctor is not serious

सागर. बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज परिसर में संचालित अमृत फॉर्मेंसी दवा वितरण केंद्र में दवाओं का टोटा बना हुआ है। यहां आने वाले मरीजों को महज 10 फीसदी दवाएं ही मिल रही हैं। कई मरीजों को दवाओं पर कोई डिस्काउंट नहीं दिया जा रहा है। 75 फीसदी कम रेट पर दवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने यह दवा केंद्र यहां परिसर में शुरू कराया था। डॉक्टरों द्वारा लिखी जाने वाली कुछ दवाएं बीएमसी में नहीं होने पर मरीज इस दवा केंद्र पर जाते हैं, लेकिन दवा पर्ची में ड्रग नहीं लिखे जाने पर यहां बैठे फॉर्मासिस्ट को दवाएं ही समझ में नहीं आती हैं। एेसे में कई बार तो गलत दवाएं भी मरीजों को थमा दी जाती हैं। एेसे मामले भी सामने आ चुके हैं, जिसमें विरोध भी हुआ था।
सस्ती दवाओं की आड़ में खेल- बीएमसी में दवाओं की कमी बीच-बीच में बन जाती है। एेसे में डॉक्टर द्वारा लिखी गई दवाओं की संख्या में दवा वितरण केंद्र से कटौती कर दी जाती है। कम संख्या में दवा मिलने पर मरीज यहां पहुंचता है। जानकारी के अनुसार अमृत फॉर्मेसी में कई दवाएं १० रुपए की होती हैं, लेकिन एमआरपी ८० रुपए से ज्यादा लिखी होती है। यहां 10 रुपए की जगह उसे 40-50 रुपए में मरीजों को दी जा रही है।
मरीजों ने बताई पीड़ा
पुरव्याऊ टोरी निवासी रमेश दुबे ने बताया कि उसकी छोटी बहन पेट दर्द की शिकायत से पीडि़त थी। यहां पर डॉक्टर ने ६ दवाएं लिखी थीं, लेकिन दो दवाएं यहां नहीं मिली। जब इस दवा केंद्र पर गए तो वहां भी दवाएं नहीं मिली। दुबे ने बताया कि दूसरी महंगी दवा दे रहे थे।
मेडिसिन वार्ड में भर्ती मरीज गौरव ने बताया कि दवा वितरण केंद्र से उसने एमओक्सीसीवी ६२५ एमजी खरीदी थी। उसके बिल पर सेल रेट 66 रुपए लिखा था। जबकि एमआरपी 109 रुपए थी पर 74 रुपए में दी गई है। जबकि सस्ती दवा का मतलब सेल रेट पर दिए जाना था।
स्टेंडर्ड दवाएं भी नहीं
अमृत फॉर्मेसी में भी दवाओं की गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा जा रहा है, जो दवाएं यहां पर 60-70 फीसदी कम रेट पर दी जाना है। उनकी क्वॉलिटी भी बेहतर नहीं है। कुछ चिकित्सकों की मानंे तो इन दवाओं का भी यहां टोटा बना रहता है। एेसे में मरीज बाहर से दवाएं खरीदते हैं। ब्रांड नेम वाली दवाओं का तो यहां से मिलना भी मुश्किल होता है। डॉक्टर ड्रग नहीं लिख सकते और दवा केंद्र में बगैर ड्रग लिखे दवाएं नहीं दी जा रही हैं। एेसे में यह महज शोपीस बना हुआ है।
जिम्मेदार बोले
बीएमसी में कभी कभार कुछ दवाएं कम हो जाती हैं, एेसे में इन मरीजों को अमृत फॉर्मेसी से दवा लेनी पड़ती है। वहां दवाएं क्यों नहीं मिल रही हैं? यह हम नहीं बता सकते। डॉ. मनीष जैन, मेडिसिन

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो