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दौसा

नोट के फेर में फंसी ‘जनता

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से मंगलवार रात 12 बजे से पांच सौ व एक हजार के नोट बंद किए जाने की घोषणा से सकते में आए लोग व व्यापारियों का हुजूम गुरुवार को खातों में रुपए जमा कराने तथा पुराने नोट बलदवाने के लिए बैंकों में उमड़ पड़ा। सुबह 8 बजे से ही लोग व व्यापारी बैंकों के बाहर कतार लगाकर खड़े हो

दौसाNov 10, 2016 / 09:13 pm

gaurav khandelwal

rupees stuck in the publics turm

rupees stuck in the publics turm

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से मंगलवार रात 12 बजे से पांच सौ व एक हजार के नोट बंद किए जाने की घोषणा से सकते में आए लोग व व्यापारियों का हुजूम गुरुवार को खातों में रुपए जमा कराने तथा पुराने नोट बलदवाने के लिए बैंकों में उमड़ पड़ा। सुबह 8 बजे से ही लोग व व्यापारी बैंकों के बाहर कतार लगाकर खड़े हो गए। 
इसके बाद शाम चार बजे तक बैंकों के बाहर कतारें लगी रही, लेकिन चार बजे कैश का काम बंद होने के कारण सैकड़ों लोगों को निराश लौटना पड़ा। लोगों की भीड़ के कारण बैंककर्मियों ने लंच तक नहीं किया। 
कैश का काम बंद करने के बाद कई जगह लोग व व्यापारी बैंककर्मियों से उलझ गए, लेकिन बैंककर्मियों ने उन्हें नियमों का हवाला देकर वापस भेज दिया। इसी प्रकार रेलवे स्टेशन पर पुराने नोट से आरक्षित टिकट बनवाने वालों की भीड़ लगी रही। इसके अलावा बाजारों में व्यापारियों के पुराने नोट नहीं लेने से दूसरे दिनभी कारोबार ठप सा रहा। खुल्ले रुपयों के चक्कर में लोगों को रोजमर्राकी वस्तुओं के लिए भटकना पड़ा। इससे बाजार में दिनभर में करीब 150 करोड़ का करोबार प्रभावित रहा। मेडिकल दुकान, अस्पताल, डेयरी बूथ व रोडवेज बसों में पुराने नोट नहीं लेने से यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ी। 
दौसा. व्यापारियों के पास किसानों को रुपए नहीं देने के कारण जिलेभर की कृषि मण्डियों में भी कारोबार बंद रहा। व्यापारियों की दुकानों पर चेक से भुगतान किया या फिर उधारी से व्यापार हुआ। अभी तक नए नोट पूरी प्रचलन में नहीं आने से अर्थ व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। 
बैंक शाखाओं के बाद पहले तो ग्राहकों को बैंक खुलने के इंतजार में कतार में लगना पड़ा, फिर उनको नोट बदलवाने के लिए फॉर्म के लिए भी मशक्कत करनी पड़ी। इसके बाद उनको कैश काउंटर पर घंटों तक इंतजार करना पड़ा। 
 बैंक शाखाओं में भी बुधवार रात चार बजे तक कैश पहुंचने तक बैंककर्मियों को भी रातभर जागना पड़ा। एसीबीआई बैंक शाखा प्रबंधक एसडी मीना ने बताया कि रात तीन बजे उनके यहां कैश आया। वह भी पर्याप्त नहीं है। यही हाल सभी बैंक शाखा एवं डाकघरों में रहा। 
चेस्ट बैंक नहीं कर रहा रुपए जमा

मुख्य डाकघर के पोस्टमास्टर आर.पी.मीना ने बताया कि पोस्ट ऑफिस में सुबह नौ बजे से ही नोट एक्सचेंज का काम शुरू हो गया, लेकिन उनके सामने बड़ी परेशानी यह है कि उनके पास लोगों का जो पैसा आ रहा है उसको चेस्ट बैंक एसबीबीजे जमा करने से मना कर रहा है। उनके सामने रुपयों की सुरक्षा को लेकर बड़ी परेशानी आ रही है। इस सम्बन्ध में उन्होंने आरबीआई में भी सम्पर्क किया है। उन्होंने बताया कि उनके यहां पर नोट गिनने की मशीन भी खराब है और इंटरनेट भी धीमा चल रहा है। 
सौ-सौ रुपए के लिए तरसे लोग

500 व 1000 रुपए के नोट बंद होने के बाद बाजार में लोग 100-100 रुपए के खुल्ले लेने के लिए जगह-जगह भटकते देखे गए। पेट्रोल पम्पों पर भी साढ़े चार सौ व पांच सौ रुपए से कम का पेट्रोल नहीं भरा जा रहा था। 
लगाया पुलिस जाप्ता : बैंक शाखाओं में नोट बदलवाने, रुपए जमा कराने के लिए ग्राहकों की एक साथ उमड़ी भीड़ के कारण बैंक शाखाओं में काउंटरों की संख्या बढ़ा दी। एसबीबीजे बैंक शाखा प्रबंधक माल चंद खटीक ने बताया कि गुरुवार को सात काउंटरों पर काम चला। पहले यहां तीन ही काउंटरों पर काम हो रहा था।
 एसबीआई बैंक शाखा प्रबंधक एस.सी मीना ने बताया कि उन्होंने सुबह से ही काउंटरों की संख्या बढ़ा दी। तीन बजे तक करीब 50 लाख के नोट बदल दिए। 

मण्डियों में झुक गए कांटे, कारोबार रहा बंदजिलेभर की कृषि उपज मण्डियों में अब दूसरे दिन गुरुवार को भी कारोबार प्रभावित रहा। मानगंज व्यापार एसोसिएशन अध्यक्ष राकेश चौधरी ने बताया कि माल तो कितना ही खरीद लें, लेकिन किसानों को देने के लिए उनके पास पैसे नहीं है। सोमवार तक मण्डी में कारोबार बंद रहेगा।
 हालांकि जिलेभर में कृषि उपज मण्डियों में कारोबार बंद रहने से एक ही दिन का करीब 10 करोड़ रुपए का कारोबार प्रभावित हो रहा है। जबकि किसानों को इस वक्त रबी की फसलों की बुवाई के लिए पैसे की जरुरत है।
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