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सर्जरी, मेडिसिन और हड्डी विभाग में डॉक्टरों की कमी

locationसागरPublished: Sep 07, 2018 10:45:19 am

Submitted by:

sunil lakhera

एमसीआई के तीन सदस्यीय दल को कम्प्लाइंस के बाद भी छह विभागों में नहीं मिले डॉक्टर

BMC Due to doctors lack of surgery medicine and bone department

BMC Due to doctors lack of surgery medicine and bone department

सागर. बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज(बीएमसी) में गुरुवार को एमसीआई का तीन सदस्यीय दल प्री-पीजी के निरीक्षण के लिए बीएमसी पहुंचा। प्रबंधन ने पिछले महीने एमसीआई को कम्प्लाइंस रिपोर्ट भेजकर खामियां दूर होने की बात कही थी, लेकिन दल को यहां डॉक्टरों की कमी अभी भी मिली। खासतौर पर छह विभागों में प्रोफेसर के पद खाली होने से दल नाखुश दिखा। इसका असर मेडिसिन, सर्जरी और हड्डी विभाग में पीजी की सीटों पर पडऩे वाला है। माना जा रहा है कि इन प्रमुख विभागों जब तक डॉक्टरों की पूर्ति नहीं हो जाती तब तक एमसीआई पीजी शुरू करने की अनुमति नहीं देगा। उधर, प्रबंधन के हाव भाव भी इस ओर इशारा करने लगे हैं। ्र
डीन डॉ. जीएस पटेल के अनुसार डर्मेटोलॉजी, रेडियोडायग्नोसिस, रोडियो थैरेपी, फिजिकल मेडिसिन एंड रीहेब्लिटेशन, साइकेट्री, टीबी एंड चेस्ट में प्रोफेसरों की नियुक्ति करना चुनौती पूर्ण है। इस वजह से मेडिसिन, हड्डी और सर्जरी में पीजी मिलना संभव नहीं है। वॉक इन इंटरव्यू और इंटर्नशिप प्रोग्राम के जरिए डॉक्टरों की कमी को पूरा करने का अब प्रबंधन प्लान तैयार कर रहा है।
३४ से १२ फीसदी पर आई, लेकिन २ फीसदी कमी अभी भी
एमसीआई की गाइड लाइन के अनुसार मेडिकल कॉलेज में ९० फीसदी फैक्टल्टी होना चाहिए। बीएमसी में एक साल पहले ३४ फीसदी फैक्ल्टी की कमी थी, जिसे लगातार इंटरव्यू के माध्यम से कम कर १२ फीसदी तक लाया गया है। अभी वर्तमान में २ फीसदी डॉक्टरों की कमी है, जिसे अभी भी कमी के रूप में मानकर चल रहा है। देर शाम एमसीआई की टीम ने अपनी रिपोर्ट में इसी बात का जिक्र किया है और दिल्ली रिपोर्ट सौंपेगी।
२००९ से २५ वीं बार आई एमसीआई टीम
एमसीआई की टीम वर्ष २००९ से अभी तक २४ बार निरीक्षण के लिए बीएमसी आ चुकी है। यह २५ वां निरीक्षण था। इससे पहले एमसीआई की टीम स्थाई मान्यता को लेकर १५ से १७ बार आ चुकी है। स्थाई मान्यता मिलने के बाद पीजी और प्री-पीजी के लिए दल ८ बार आ चुकी है। नॉन क्लीनिकल विभाग के लिए बीएमसी प्रबंधन हर निरीक्षण पर २ लाख रुपए खर्च करता है। वहीं, क्लीनिकल विभागों के निरीक्षण केलिए तीन लाख रुपए की फीस जमा कर चुकी है।
ये आए थे दल में
दल में बरपेटा आसाम के मेडिकल कॉलेज के ईएनटी विभाग के प्रो. बीरज कुमार दास, हासन कर्नाटका मेडिकल कॉलेज के फॉरेंसिक मेडिसिन के प्रो. सुनील सी अरमानी और झालावाड़ राजस्थान मेडिकल कॉलेज के फिजियोलॉजी विभाग के प्रो. श्रीकांत सेट्टे शामिल थे।

दल ने यहां किया निरीक्षण
दल ने अस्पताल का भी जायजा लिया था। यहां दल ने भर्ती वार्डों में मरीजों की संख्या, पैथोलॉजी में जांचों की स्थिति, ब्लड बैंक में सेपरेसन यूनिट, आईसीयू में मरीजों की स्थिति और हॉस्टल आदि का जायजा लिया। मरीजों की संख्या ७५ फीसदी से ज्यादा मिली थी।

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