केस-१
मेडिसिन वार्ड में श्यामलाल भर्ती है। बीपी हाई होने के कारण उसकी याददाश्त चली गई है। परिजन सीधे उसे बीएमसी लेकर आए थे। तीन दिन पहले डॉक्टर ने सीटी स्कैन कराने को कहा था, लेकिन अभी तक उसका सीटी स्कैन नहीं हो पाया है।
केस-२
दो दिन पहले केज्युल्टी से बीमार हालत में आए एक मरीज को पलंग न मिलने से वापस केज्युल्टी ही भेजा गया। राहतगढ़ से आए शिवप्रसाद के पेट में तकलीफ थी। मेडिकल ऑफीसर द्वारा ट्रीटमेंट के बाद वार्ड भेजा गया था।
आम मरीजों के लिए सीटी स्कैन बंद
आम मरीजों के लिए सीसी स्कैन मशीन डेढ़ महीने से बंद है, लेकिन डॉक्टरों की क्लीनिक के मरीजों के लिए यह चालू हो जाती है। बुधवार को पांच मरीजों की सीटी स्कैन की गई, ये सभी प्रायवेट प्रेक्टिस करने वाले डॉक्टरों के मरीज थे। वहीं, मेडिसिन वार्ड दो, तीन में भर्ती तीन मरीजों के लिए यह मशीन बंद बताई गई। इतना ही नहीं ये मरीज जब बाहर अनुबंधित सेंटर पर जांच कराने पहुंचे तो वहां भी उनकी जांच नहीं हो पाई।
इस तरह का मामला संज्ञान में है। जल्द ही भर्ती वार्डों का जायजा लूंगा। मरीज तो मरीज है। डॉक्टर के लिए सभी एक जैसे होने चाहिए। यदि अन्य मरीजों से सौतेला व्यवहार किया जा रहा है तो मैं कार्रवाई करूंगा।
डॉ. जीएस पटेल, डीन