बीएमसी ने कराया अस्पताल का रजिस्ट्रेशन, डॉक्टरों की भेजी सूची
आयुष्मान भारत योजना: योजना लागू होने के बाद बीमित मरीज का उपचार होगा शुरू

सागर. आयुष्मान भारत बीमा योजना के तहत बीएमसी प्रबंधन ने हॉस्पिटल के नाम से अपना रजिस्ट्रेशन करा लिया है। प्रबंधन ने डॉक्टरों की सूची भी सरकार को भेज दी है। जैसे ही योजना लागू होगी तो यहां मरीजों का 24 घंटे उपचार देने की सुविधा शुरू हो जाएगी।
सबसे पहले बीएमसी में हेल्प डेस्क लगाई जाएगी। जहां मरीज की पहचान के बाद उनका उपचार शुरू होगा। भारत सरकार ने पोर्टल भी तैयार कर लिया है। इसके माध्यम से मरीज पर उपचार में होने वाले खर्च की सारी जानकारी अपलोड की जाएगी। इसके बाद डॉक्टर व उसकी टीम को उनके खाते में इंसेंटिव की राशि जारी होगी।
योजना के तहत जैसे ही मरीज बीएमसी उपचार के लिए पहुंचेगा तो उसका लेखा-जोखा चालू हो जाएगा। यदि किसी मरीज की सर्जरी होती है तो उसकी जांच भी कराई जाएगी। इसमें सर्जरी से लेकर जांच तक के खर्च का ब्यौरा बनाया जाएगा। मरीज के डिस्चार्ज होने के दस दिन बाद प्रबंधन खर्च की जानकारी सॉफ्टवेयर में अपलोड करेगा।
अभी तय नहीं हुई इंसेंटिव की राशि
जानकारों की मानें तो मरीज पर खर्च होने वाली राशि का वितरण अभी तय नहीं हुआ है। उपचार में दवाओं और जांचों का खर्च भी तय किया जाना है। उदाहरण के तौर पर यदि किसी मरीज के उपचार पर एक हजार रुपए खर्च होता है तो उसमें कितना पैसा जांच के लिए दिया जाएगा, डॉक्टर व टीम को कितना इंसेटिव दिया जाएगा। वहीं, रोगियों के कल्याण के लिए कितनी राशि प्रबंधन अपने पास रखेगा आदि।
रजिस्ट्रेशन नि:शुल्क
बीएमसी को रजिस्ट्रेशन कराने में शुल्क नहीं लगा है। प्रबंधन को सिर्फ एक निरस्त चेक और दस्तावेज जमा करना पड़े हैं। इसमें विभागों के नाम के साथ पूरे बीएमसी का रजिस्ट्रेशन हुआ है। इसमें डॉक्टरों की संख्या व उनके नाम की सूची विभाग सहित भेजी जा चुकी है।
&योजना के तहत बीएमसी अस्पताल के नाम से रजिस्ट्रेशन हो चुका है। जैसे ही योजना लागू होगी वैसे ही मरीज का उपचार शुरू कर दिया जाएगा। इस दौरान हेल्प डेस्क भी लगाई जाएगी।
डॉ. जीएस पटेल, डीन बीएमसी
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