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जाते-जाते भी लोगों को महादान का पाठ पढ़ा गए रिटायर्ड शिक्षक

locationसागरPublished: Apr 11, 2018 04:33:57 pm

बीमारी के दौरान कई बार देहदान की इच्छा जता चुके थे ७७ वर्षीय सेवानिवृत्त शिक्षक।

Body handed over to BMC management

Body handed over to BMC management

सागर. बीमारी के दौरान कई बार देहदान की इच्छा जता चुके ७७ वर्षीय सेवानिवृत्त शिक्षक के निधन के उपरांत उनके छह बेटे और परिवार के अन्य सदस्यों ने मंगलवार को बीएमसी को उनकी देह दान कर दी। जो अब बीएमसी के विद्यार्थियों के अध्ययन और शोध के काम आएगी। बेटों ने कॉलेज प्रबंधन को पिता की इच्छा से अवगत कराया जिसके बाद जरूरी कार्रवाई पूरी करके देहदान की प्रक्रिया संपन्न कराई गई।
बाहुबली कॉलोनी निवासी रमेशचंद जैन मूलत: टीकमगढ़ के भेलसी गांव के निवासी थे, लेकिन वे शिक्षा विभाग की नौकरी के चलते सागर आकर बस गए। वर्ष २००३ में सेवानिवृत्त होने के बाद परिवार की कैसेट कंपनी हरदौल जो कि मुख्य रूप से बुंदेलखंडी लोक संस्कृति से जुड़ी है को समय देने लगे थे। पिछले कुछ वर्षों से उनकी तबीयत जब-तब बिगडऩे लगी थी। बेटे आलोक जैन ने बताया करीब डेढ़ साल में बार-बार अस्वस्थ होने के कारण कई ऑपरेशन कराए गए। इस बीच पिता ने उनके और अन्य भाइयों के समक्ष देहदान की इच्छा जताई थी। जब भी वे बीमार होते अपनी देह मेडिकल कॉलेज को दान करने की बात कहते थे।
१० अप्रैल की सुबह ली अंतिम सांस
पिछले माह तबीयत बिगडऩे पर उन्हें खुरई रोड स्थित ट्रस्ट अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनके आंतों के संक्रमण के उपचार के साथ ही हार्निया का ऑपरेशन हुआ। मार्च के अंतिम दिनों में उन्हें घर लाया गया, लेकिन ४ अप्रैल को रक्तचाप की शिकायत के चलते फिर अस्पताल ले गए। यहां लगातार उपचार जारी रहा और १० अप्रैल को सुबह करीब ५.५० बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।
डॉक्टर ने परिवार के प्रस्ताव को बताया, डीन ने स्वीकर किया आईसीयू से डॉक्टर द्वारा रमेशचंद जैन के निधन की पुष्टि के बाद उनके बेटे राकेश जैन, राजेश जैन, राजीव जैन, रत्नेश जैन, आलोक जैन और राहुल जैन ने परिवार के सदस्यों से पिता की इच्छा को सामने रखकर चर्चा की। उनकी इस इच्छा से परिवार के सदस्यों ने उनकी पत्नी द्रोपदी जैन को समझाया। जिसके बाद वे भी इस पर सहमत हो गईं। परिवार में सहमति बनने के बाद सभी सदस्यों ने बीएमसी के डॉ.अमित जैन से देहदान पर चर्चा की। उन्होंने डीन जीएस पटेल के सामने जैन परिवार के प्रस्ताव को रखा, जिसे परिजनों से चर्चा के बाद डीन ने स्वीकार कर लिया। कुछ ही मिनटों में जरूरी औपचारिकताएं पूरी की गर्इं और फिर बीएमसी से पहुंचे वाहन से रमेशचंद जैन के शव को बीएमसी लाया गया। यहां शव को अध्ययन के लिए सुरक्षित रखे जाने से पूर्व उनके बेटे व परिजनों के अलावा पूर्व विधायक सुधा जैन व अन्य ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित दी।

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