मामला सागर जिले के कोंरजा गांव का है। इस गांव में रहने वाली एक युवती की शादी मेवली गांव के एक युवक के साथ तय हुई। शादी के निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार लड़के पक्ष वाले मंगलवार को बारात लेकर लड़की के घर पहुंचे। बारात लड़की के दरवाजे में पहुंची तो पहले बारात का स्वागत किया गया और फिर उसके बाद शादी की रस्म शुरू हुईं। इस दौरान वरमाला भी हो गया था। लेकिन अंतिम समय में लड़की ने शादी के लिए इंकार कर दिया। जिस कारण से बारात वापस लौट गई।
बारात मंगलवार को रात मेवली पहुंची और वरमाला भी हो गया। लेकिन अचानक दुल्हन को पता चला की दूल्हा दिव्यांग है तो उसने शादी से इंकार कर दिया। लड़के पक्ष वालों ने युवती को समझाया लेकिन दूल्हन से शादी से इंकार कर दिया। लड़की पक्ष वालों का कहना है कि लड़के वालों ने ये बात छुपाई थी थी लड़का दिव्यांग है। उन्होंने कहा कि जब हम टीका (शादी की रस्म) के लिए गए थे तो लड़का दूसरा था और अब लड़का दूसरा है। लड़की के इंकार के बाद बारात वापस लौट गई।
बारात वापस जाने के बाद लड़की के परिजनों ने दूसरे लड़के से संपर्क किया तो खुरई निवासी एक युवक से बुधवार को लड़की की शादी कर दी गई।