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महाविद्यालय की जगह-जगह टूटी बाउंड्रीवॉल, अंदर पहुंच रहे मवेशी

locationसागरPublished: Jun 22, 2021 08:55:38 pm

Submitted by:

sachendra tiwari

एस्टीमेट बनाकर कई बार भेज चुके हैं पीडब्ल्यूडी विभाग को

Broken boundary wall instead of college

Broken boundary wall instead of college

बीना. शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के परिसर को सुरक्षित रखने के लिए बनाई गई बाउंड्रीवॉल कई जगह से टूट चुकी है। इसके बाद भी न तो वहां सुधार कार्य हो रहा है और न ही नई बाउंड्रीवॉल बनाई जा रही है। परिसर में मवेशी घूमते रहते हैं और कहीं से भी लोग अंदर पहुंच जाते हैं।
बारह वर्ष पूर्व महाविद्यालय के चारों तरफ बाउंड्रीवॉल बनाई गई थी, लेकिन गुणवत्तापूर्ण कार्य न होने के कारण कुछ दिनों में ही यह कई जगह से क्षतिग्रस्त होने लगी थी और अब यह स्थिति है कि जगह-जगह बाउंड्रीवॉल गिर चुकी है, जिससे परिसर असुरक्षित हो गया है। कहीं से भी मवेशी अंदर पहुंच जाते हैं और वहां रोपे गए पौधों सहित वानस्पतिक उद्यान के पौधों को भी क्षति पहुंचाते हैं, जबकि यहां लगे पौधे विद्यार्थियों के अध्ययन के काम आते हैं। इस उद्यान को सुरक्षित रखने अलग से फेंसिंग भी कराई गई है। मवेशियों को रोकने के लिए कॉलेज प्रबंधन द्वारा कटीले तार या बांस लगाए गए हैं, लेकिन फिर भी मवेशी अंदर आ जाते हैं। यही नहीं असामाजिक तत्व भी पहुंच रहे हैं। महाविद्यालय परिसर में करोड़ों के निर्माण कार्य चल रहे हैं, लेकिन बाउंड्रीवॉल का निर्माण नहीं हो पा रहा है। गौरतलब है कि यहां काली मिट्टी होने के कारण बाउंड्रीवॉल टूटी है, यदि यहां पिलर गहराई से खोदकर खड़े किए जाते तो यह स्थिति नहीं बनती। अब प्रबंधन द्वारा मजबूती से बाउंड्रीवॉल बनाने की बात की जा रही है और उसके अनुसार ही एस्टीमेट तैयार किया जाएगा।
एक करोड़ रुपए का है एस्टीमेट
बाउंड्रीवॉल के लिए जो नया एस्टीमेट तैयार किया गया है वह करीब एक करोड़ रुपए का है। कई बार एस्टीमेट पीडब्ल्यूडी विभाग को भेजा जा चुका है, लेकिन स्वीकृति नहीं मिल रही है। क्योंकि पहले बनाई गई बाउंड्रीवॉल को बने हुए अभी पंद्रह वर्ष नहीं हुए हैं।
भेज चुके हैं एस्टीमेट
बाउंड्रीवॉल के लिए एस्टीमेट कई बार भेजा जा चुका है, लेकिन अभी तक स्वीकृति नहीं मिली है। बाउंड्रीवॉल टूटी होने से परेशानी होती है। साथ ही मवेशयिों से पौधे सुरक्षित नहीं रह पाते हैं।
डॉ. एमएल सोनी, प्राचार्य, शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय

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