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इस मेडिकल कॉलेज में नष्ट होंगी लाखों की दवाइयां, इस कारण हो गईं एक्सपायरी

इस मेडिकल कॉलेज में नष्ट होंगी लाखों की दवाइयां, इस कारण हो गईं एक्सपायरी

सागरJun 23, 2019 / 04:06 pm

manish Dubesy

Bundelkhand Medical College Million Medicines Expiry

सागर. बीएमसी में एक्सपायरी हो चुकी 35 लाख रुपए की दवाओं को कंडम घोषित करने के लिए प्रबंधन ने कागजी घोड़े दौड़ाना शुरू कर दिए हैं। प्रबंधन के अनुसार दवाओं की कीमत लाखों में है। इस कारण से इन्हें डिस्ट्रॉय करने के लिए डीएमई की अनुमति की जरूरी है। लेकिन यहां सवाल यह है कि यह काम अब आनन-फानन में किया जा रहा है। समय रहते यदि इन दवाओं पर नजर रखी जाती तो शायद इतनी दवाएं एक्सपायरी नहीं होती और इनका लाभ मरीजों को मिल जाता। हालांकि डीएमई स्तर से अभी तक कोई अनुमति नहीं मिली है। पूर्व में एक बार एेसी ही अनुमति प्रबंधन ने मांगी थी, लेकिन उसका जवाब डीएमई की ओर से नहीं आया था। बता दें कि बीएमसी के दवा स्टोर में वर्ष 2010-11 की एक्सपायरी दवाएं रखी हुई हैं। डीन ने इस संबंध में अधीक्षक से जवाब मांगा था, जहां बीएमसी अधीक्षक ने अपनी सफाई में डीएमइ से अनुमति नहीं मिलने की बात कही थी।
पुरानी चादरों के लिए नहीं शुरू हुई तैयारी
इधर, पुरानी चादरों और कंबलों को कंडम घोषित करने को लेकर अभी तक प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है। इसके लिए बनाई गई समितियों ने अभी तक इनकी जानकारी एकत्र नहीं की है। न ही अधीक्षक के पास इसकी जानकारी उपलब्ध हुई है। हैरानी की बात यह है कि प्रबंधन को यह बात मालूम है, लेकिन इसके बाद भी इनकी धुलाई पर डिटरजेंट खर्च किया जा रहा है। बता दें कि छह महीने बाद इन चादरों को बदलने का नियम है। साथ ही इन्हें कंडम घोषित कर डिस्ट्रॉय किया जाता है।

गौरतलब है कि कई दवाइयां मरीजों नहीं मिल पातीं जिस कारण से कालातीत हो रहीं हैं। अस्पताल प्रबंधन यदि चाहे तो मरीजों को पर्याप्त मात्रा में दवा उपलब्ध कराकर उन्हें नष्ट होने से बचा सकता है। कई बार देखने में आता है कि कई डॉक्टर बाहर से दवा लिख देते हैं जबकि वह अस्पताल के पास उपल्बध रहतीं हैं।

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