बस में सवार यात्रियों के अनुसार जय माता दी ट्रेवल्स की बस इंदौर के विजय नगर से बुधवार रात लगभग 10.30 बजे निकली थी। तभी से यह ओवरलोड थी। डबल स्लीपर में सीट की बुकिंग कर चार यात्रियों और सिंगल स्लीपर में दो यात्रियों को जगह दी गई थी। इसके अलावा गैलरी में भी यात्री बिठाए गए थे। बताया जाता है कि विजय नगर से निकलने के बाद मांगलिया टोल नाके से कुछ आगे पुलिस द्वारा बस की चैकिंग भी की गई थी। इस दौरान बस करीब आधा घंटे खड़ी रही। यात्रियों की मानें तो बस स्टाफ द्वारा पुलिस से सेटिंग की गई और पुलिस ने भी बिना कोई कार्रवाई किए बस को जाने दिया।
तेज रफ्तार में थी बस
बस इतनी स्पीड से चल रही थी कि वह लगभग 3.30 घंटे में भोपाल पहुंच गई। चूंकि स्लीपर की बुकिंग सीट के रूप में की गई थी, इसलिए यात्री सोना तो दूर सफर के दौरान ठीक से बैठ भी नहीं पाए। बस तेजी से चलते देख कुछ यात्रियों को डर भी लग रहा था। रास्ते में भी जगह-जगह सवारी बिठाई गईं।
बस इतनी स्पीड से चल रही थी कि वह लगभग 3.30 घंटे में भोपाल पहुंच गई। चूंकि स्लीपर की बुकिंग सीट के रूप में की गई थी, इसलिए यात्री सोना तो दूर सफर के दौरान ठीक से बैठ भी नहीं पाए। बस तेजी से चलते देख कुछ यात्रियों को डर भी लग रहा था। रास्ते में भी जगह-जगह सवारी बिठाई गईं।
…और अंधे मोड़ पर हुई बेकाबू
एक प्रत्यक्षदर्शी इंद्राज सिंह के अनुसार वे बाइक से सागर जा रहे थे। अपनी ड्यूटी के लिए लेट हो रहे थे। सो तेजी से बाइक चला रहे थे। इसी दौरान बस क्रॉस हुई और बरोदा गांव में अंधे मोड़ पर ड्राइवर साइड पलट गई।
एक प्रत्यक्षदर्शी इंद्राज सिंह के अनुसार वे बाइक से सागर जा रहे थे। अपनी ड्यूटी के लिए लेट हो रहे थे। सो तेजी से बाइक चला रहे थे। इसी दौरान बस क्रॉस हुई और बरोदा गांव में अंधे मोड़ पर ड्राइवर साइड पलट गई।
मची चीख-पुकार
बस पलटने के बाद यात्री एक के ऊपर एक गिरे और चीख-पुकार मच गई। बस के आगे का कांच फूट चुका था, इससे ड्राइवर-कंडक्टर तो निकल गए, लेकिन कैबिन लॉक होने से यात्री फंस गए थे। मशक्कत बाद लोग फूटी खिड़कियों से जैसे-तैसे निकले। बस की स्पीड का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि पलटने के काफी देर तक उसके पहिए घूमते रहे। घायलों में किसी को सिर में चोट आई तो किसी के हाथ-पैर में कांच के टुकड़े लगे थे। एमपी ट्रांसपोर्ट की वेबसाइट के अनुसार बस का रजिस्ट्रेशन नंबर एमपी41 पी7111 किन्हीं प्रकाश जाट के नाम पर है। स्थाई और अस्थाई एड्रेस में सिर्फ एबी रोड और सिटी देवास दर्ज है।
बस पलटने के बाद यात्री एक के ऊपर एक गिरे और चीख-पुकार मच गई। बस के आगे का कांच फूट चुका था, इससे ड्राइवर-कंडक्टर तो निकल गए, लेकिन कैबिन लॉक होने से यात्री फंस गए थे। मशक्कत बाद लोग फूटी खिड़कियों से जैसे-तैसे निकले। बस की स्पीड का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि पलटने के काफी देर तक उसके पहिए घूमते रहे। घायलों में किसी को सिर में चोट आई तो किसी के हाथ-पैर में कांच के टुकड़े लगे थे। एमपी ट्रांसपोर्ट की वेबसाइट के अनुसार बस का रजिस्ट्रेशन नंबर एमपी41 पी7111 किन्हीं प्रकाश जाट के नाम पर है। स्थाई और अस्थाई एड्रेस में सिर्फ एबी रोड और सिटी देवास दर्ज है।