सागरPublished: May 16, 2019 08:46:36 pm
anuj hazari
बस संचालकों ने बस स्टैण्ड के यात्री प्रतीक्षालय में रखा सामान, धूप में करना पड़ता है बस का इंतजार
Bus passengers occupy occupancy in the waiting room, passengers do not sit
बीना. बस स्टैण्ड पर स्थित यात्री प्रतीक्षालय में बस संचालकों ने कब्जा जमा लिया है। जहां पर बस संचालकों द्वारा ट्रांसपोर्टिंग का सामान यात्री प्रतीक्षालय में रख दिया जाता है। जिसके कारण यात्रियों को बैठने के लिए वहां पर जगह नहीं बचती है और मजबूरन उन्हें धूप मेंखड़े होकर बस का इंतजार करना पड़ता है। गौरतलब है कि करीब 2010 से बस स्टैंड का निर्माण कार्य चल रहा था। जिसके तैयार न होने की बजह से लोगों को बस स्टैंड की सुविधा नहीं मिल पा रही थी, इसके बाद पिछले वर्ष बस स्टैंड को आनन-फानन में चालू करा दिया गया। बस स्टैंड पर यात्रियों को बैठने के लिए भी जगह नहीं थी जिसके बाद पत्रिका ने लगातार खबर प्रकाशित करके यात्री प्रतीक्षालय बनाने के लिए नगरपालिका का ध्यानाकर्षित किया था। इसके बाद वहां पर स्थित दो दुकानों में यात्रियों को बैठने की व्यवस्था यात्री प्रतीक्षालय के रुप में कर दी गई है, लेकिन यात्रियों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है और बस संचालकों ने ट्रांसपोर्टिंग का सामान रख दिया है। इतना ही नहीं वहां बैठने के लिए पहले से ही चंद सीटें थी जिस बजह से सभी यात्रियों को बैठने व्यवस्था नहीं हो पाती थी। तो वहीं दूसरी ओर बैठने के लिए जगह मिलना तो दूर की बात छांव की भी व्यवस्था बस स्टैंड पर नहीं है।
दुकानों पर खड़े रहते हैं यात्री
यात्री प्रतीक्षालय बनने के बाद उसमें सामान रखने के कारण यात्रियों को बस स्टैंड पर स्थित दुकानों पर जाकर बस का इंतजार करना पड़ता है। कई बार दुकानों पर भीड़ होने के कारण यात्रियों और दुकानदारों के बीच विवाद भी हो जाता है, लेकिन नगरपालिका के अधिकारियों ने बस स्टैंड के शुरू होने के बाद एक भी बार यात्रियों को होने वाली असुविधा को ध्यान में रखकर वहां पर कोई काम नहीं किया जा रहा है।
शेड भी किया जा सकता है तैयार
बस स्टैंड पर यात्रियों को छाया के लिए टीन शेड लगाकर प्रतीक्षालय तैयार किया जा सकता है, इसके लिए बस स्टैण्ड पर पर्याप्त जगह भी है, लेकिन फिर भी नपा ने यहां पर यात्रियों की सुविधा के लिए यात्री प्रतीक्षालय नहीं बनवाया है। जबकि बस स्टैंड से रोजना सैकड़ों लोग यात्रा करते हैं जिन्हें धूप में बस का इंतजार करना पड़ता है।