सागर

सामान लादकर दौड़ रहीं बस, सब देख रहे लेकिन यात्रियों की जान के खतरे पर जिम्मेदार हैं चुप

रायसेन में नदी में बस गिरने के 15 दिन में ही पटरी पर लौटा पुराना ढर्रा, इंदौर, जबलपुर, छतरपुर, टीकमगढ़ के बीच बसों पर लादा जा रहा सामान

सागरOct 16, 2019 / 11:23 pm

संजय शर्मा

सामान लादकर दौड़ रहीं बस, सब देख रहे लेकिन यात्रियों की जान के खतरे पर जिम्मेदार हैं चुप

सागर. असंतुलित होकर रायसेन में रीछन नदी में बस गिरने से 8 यात्रियों की मौत को अभी 15 दिन भी नहीं हुए और नियम ताक पर रख दिए गए हैं। यात्री बसों पर प्रतिबंध के बावजूद भारी भरकम सामान की ढुलाई हो रही है। हर दिन 20 से Óयादा स्लीपर बस इंदौर से सागर, छतरपुर, जबलपुर, टीकमगढ़ के बीच लाखों रुपए का माल लेकर दौड़ रही हैं। यह सबको नजर आता है लेकिन जिसे नहीं दिखता तो वो है पुलिस और परिवहन विभाग का अमला। मंगलवार-बुधवार को रात में भी मुख्य बस स्टैंड से यात्री बस सामान लादकर आती-जाती रहीं। बसों पर सामान की ढुलाई की रिकॉर्डिंग सीसीटीवी कैमरों में भी कैद हो रही है तब भी रोड सेफ्टी कमेटी की गाइडलाइन का पालन नहीं कराया जा रहा है।

चौराहों पर पुलिस कर रही अनदेखी –

बस स्टैंड से सागर, छतरपुर, जबलपुर या अन्य मार्गों पर चलने वाली बस कई चौक-चौराहों से होकर गुजरती हैं। इन चौराहों पर पुलिसकर्मी तैनात रहते हैं और सीसीटीवी कैमरों भी लगे हैं। इन सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से कंट्रोल रूम में बैठे पुलिसकर्मी भी चौराहों की निगरानी करते हैं और यहां भी पल-पल की रिकॉर्डिंग होती है। लेकिन चौराहों से सामान लादकर निकलने वाली किसी भी बस को पुलिसकर्मी नहीं रोकते।

ट्रांसपोर्ट व्यापारियों ने की शिकायत –

उधर नियमों को पलीता लगाकर बसों पर सामान की ढुलाई से यात्रियों की जान के जोखिम के अलावा अपने नुकसान और टैक्स की चोरी की आशंका जताते हुए ट्रांसपोर्ट व्यापारियों ने भी शिकायत की है। ट्रांसपोर्ट कारोबारी परिवहन विभाग के स्थानीय अमले द्वारा यात्री बसों पर सख्ती करते हुए सामान की ढुलाई नहीं रोक पाने पर कोर्ट में याचिका दायर करने की भी तैयारी कर रही है।

गड्ढेदार सड़क पर हादसे का अंदेशा –

सागर जिले में सड़कों की हालत और भी खराब हो गई है। हाइवे के साथ ही अन्य सड़कों पर गड्ढे हैं जिनके बीच से गुजरते समय सामान के भार से यात्री बसों का संतुलन बिगडऩे से हादसे का अंदेशा बढ़ गया है। ऐसे ही लादे गए सामान के कारण पुल पर गड्ढे में पहिया जाने से ओम साईराम कंपनी की बस 2 अक्टूबर की रात असंतुलित होकर नदी में जा गिरी थी और आठ लोगों की जान चली गई।

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