एक रुपए किलो में भी किसानों से प्याज खरीदने को तैयार नहीं व्यापारी
लागत भी नहीं हो पा रही वसूल

देवरीकला. घरों में रुलाने वाली प्याज अब किसानों को रुला रही है। क्योंकि प्याज उत्पादक किसानों को प्याज के दाम नहीं मिल रहे हैं। देवरी में प्याज थोक मूल्य में एक रुपए किलो बिक रही है, जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है। किसानों ने बताया कि व्यापारी अब एक रुपए प्रति किलो के दाम में भी लेने के लिए तैयार नहीं हो रहा है।
देवरी विधानसभा क्षेत्र में प्याज का सबसे अधिक उत्पादन होता है। यहां की प्याज हजारों ट्रक में भरकर हर वर्ष देश के विभिन्न राज्यों को जाती है, लेकिन पिछले सालों से प्याज उत्पादक किसानों को इस फसल में भारी घाटा उठाना पड़ रहा है। इस बार तो प्याज के रेट अत्यधिक नीचे गिर गए। जिससे किसानों की परेशानी बढ़ी हुई है।
किसान कहते हैं कि 1 एकड़ में करीब 35 हजार रुपए की लागत पहुंचती है, लेकिन बिक्री के बाद उनके हाथ में 10 हजार रुपए भी नहीं मिल रहे हैं। अधिकांश किसानों ने तो अपने खेतों की प्याज की कटाई खुदाई बंद करा दी है। कई किसान ने अपने खेतों को मवेशियों के हवाले छोड़ दिए है। वहीं ऐसे भी किसान हैं, जिन्होंने मजदूरों से नि:शुल्क प्याज खोदने और अपने घर ले जाने की छूट दे रखी है, क्योंकि प्याज की बिकी नहीं हो रही है अन्य राज्यों में भी प्याज निर्यात नहीं हो रही है।
इसी तरह चिरचिटा के किसान पंकज तिवारी ने बताया कि प्याज का धंधा घाटे का धंधा बन गया है। उन्होंने 12 एकड़ में प्याज लगाई है, लेकिन उन्हें उसकी लागत नहीं मिल पा रही है एक और 2 रुपए किलो प्याज भी लेने वाला नहीं है उन्होंने बताया कि सरकार यदि प्याज को भावांतर में शामिल कर देती है तो किसानों को राहत मिल सकती है। किसान वीरेंद्र चौरसिया ने बताया कि सरकार को जल्द ही प्याज और लहसुन जैसी महत्वपूर्ण मसाला फसलों को भावांतर में शामिल करना चाहिए, ताकि किसानों को राहत मिल सके यदि सरकार ने इस दिशा में किसानों की समस्या को गंभीरता से नहीं लिया तो किसान कर्ज के बोझ में जब जाएंगे और अप्रिय घटना करने के लिए मजबूर हो जाएंगे।
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