अंडरब्रिज की समस्या से निजात दिलाने बनेगा बायपास मार्ग
लेकिन कई तकनीकी समस्याएं आएंगी सामने

बीना. शहर को दो भागों में बांटने वाले झांसी गेट पर अभी ओवरब्रिज बनने में करीब एक से डेढ़ वर्ष से ज्यादा समय लग जाएगा, लेकिन अभी वैकल्पिक रास्ता जो अंडरब्रिज से होकर जाता है उसमें बारिश का पानी भरने रास्ता बंद हो जाता है। समस्या को देखते हुए पिछले दिनों सांसद राजबहादुर सिंह ने रेलवे अधिकारियों से चर्चा करके वैकल्पिक रास्ता देने की बात कही, लेकिन जिस रास्ते को बनाने के लिए रेलवे ने तैयारी की है वहां पर अभी कई तकनीकी समस्याएं भी सामने आएंगी। शहर के ट्रैफिक को डायवर्ड करने और शहर के लोगों को एक तरफ से दूसरी तरफ जाने के लिए रास्ते की जरूरत है। शहर के लोगों के लगातार विरोध प्रदर्शन के बाद सांसद ने मौके पर आकर रेलवे अधिकारियों से चर्चा की तो श्मशान घाट के पास से सीधा आगासौद रोड को मिलाने बायपास रोड बनाने पर सहमति बन गई है, लेकिन यहां पर सड़क का निर्माण कराना आसान नहीं है, क्योंकि शहर का पानी झांसी गेट पर स्थित जिस अंडरब्रिज से निकलता है वहां पर कई फीट तक पानी बारिश के बाद भर जाता है तो वहीं कुछ ही दूरी पर मोतीचूर नदी का पानी भी बड़े पुल से निकलता है। यदि रेलवे उसे सही तरीके बनाएगी तो उसमें पुलिया का निर्माण भी ऊंचाई देकर करना होगा, नहीं तो उस रास्ते का लाभ लोगों को नहीं मिल सकेगा क्योंकि अंडरब्रिज की तरह वहां भी पानी जमा होगा।
दीवार तोडऩे का काम शुरू
अंडरब्रिज से सटकर पुलिया की दीवार थी जिसके कारण भी पानी फ्लो में दूसरी तरफ नहीं जा पाता था, जिसे तोडऩे का काम भी शुरू हो गया। इसके बाद काफी हद तक लोगों को बारिश में होने वाले जलभराव से निजात मिलेगी।
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