ज्योतिषाचार्य पंडित रवि शास्त्री बताते है कि कई बार पुराने कैलेंडर से लगाव होने के कारण उसे दीवार से नहीं हटाते हैं । वास्तु के अनुसार पुराने कैलेंडर को दीवार पर लगाए रखना अच्छा नहीं माना गया है। ऐसा करना जीवन में आने वाले प्रगति के अवसरों को कम करता है। बीते साल के साथ बीती बातों में ही आपको अटका सकता है चाहे वो यादें सुखद हो तब भी। आगे के जीवन में कोई ऐसा इंसीडेंट हो सकता है कि बार-बार पलटकर पिछले उसी साल के बारे में सोचना पड़े। इससे भविष्य की रूपरेखा प्रभावित होती है। नए साल में नए कार्य करने के लिए ऊर्जा की कमी महसूस होती है।
कहीं न कहीं आने वाले साल से ज्यादा बीते हुए साल में लगाव बढ़ता चला जाता है। इसलिए पुराने कैलेंडर को दीवार से जरुर हटाया जाना चाहिए और नए साल के नए कैलेंडर को घर में लगाना चाहिए। जिससे कि नए साल में पुराने साल से भी ज्यादा शुभ अवसरों की प्राप्ति होती रहें। और पुराने साल से भी अधिक सुनहरीं यादों की तस्वीरें नए साल में हम बना सकें।
इस दिशा में कैलेंडर लगाना शुभ
वास्तु के अनुसार कैलेंडर को घर में उत्तर ,पश्चिम या पूर्वी दीवार पर लगाना सही रहता है। कई बार कैलेंडर के पृष्ठों में हिंसक जानवरों, दु:खी चेहरों की तस्वीरें दी गई होती हैं। इस प्रकार की तस्वीरें घर में नेगेटिव एनर्जी का संचार करती है। ऐसे किसी कैलेंडर को भी घर में नहीं लगाना चाहिए। पूर्व दिशा में कैलेंडर लगाना बढ़ा सकता हैं प्रगति के अवसरों को, पूर्व दिशा के स्वामी सूर्य हैं। जो कि लीडरशिप के गुणों को विकसित करने वाले देव कहे गए हैं। साथ ही सूर्योदय की दिशा भी पूर्व है। इस दिशा में कैलेंडर रखना बहुत शुभ माना गया है। यह संतान के जीवन में प्रगति के द्वार खोलता है। यदि कैलेंडर पर तस्वीरें बनी हो तो इस दिशा में उगते हुए सूरज की तस्वीर वाला कैलेंडर लगाना चाहिए। साथ ही अपने आराध्य देव, बच्चों या प्रेरणादायी तस्वीरों वाला कैलेंडर इस दिशा में लगा सकते है। कैलेंडर पर रेड और पिंक कलर का उपयोग ज्यादा किया गया हो। ऐसा कैलेंडर पूर्व दिशा के लिए बेहतरीन चुनाव होगा।
वास्तु के अनुसार कैलेंडर को घर में उत्तर ,पश्चिम या पूर्वी दीवार पर लगाना सही रहता है। कई बार कैलेंडर के पृष्ठों में हिंसक जानवरों, दु:खी चेहरों की तस्वीरें दी गई होती हैं। इस प्रकार की तस्वीरें घर में नेगेटिव एनर्जी का संचार करती है। ऐसे किसी कैलेंडर को भी घर में नहीं लगाना चाहिए। पूर्व दिशा में कैलेंडर लगाना बढ़ा सकता हैं प्रगति के अवसरों को, पूर्व दिशा के स्वामी सूर्य हैं। जो कि लीडरशिप के गुणों को विकसित करने वाले देव कहे गए हैं। साथ ही सूर्योदय की दिशा भी पूर्व है। इस दिशा में कैलेंडर रखना बहुत शुभ माना गया है। यह संतान के जीवन में प्रगति के द्वार खोलता है। यदि कैलेंडर पर तस्वीरें बनी हो तो इस दिशा में उगते हुए सूरज की तस्वीर वाला कैलेंडर लगाना चाहिए। साथ ही अपने आराध्य देव, बच्चों या प्रेरणादायी तस्वीरों वाला कैलेंडर इस दिशा में लगा सकते है। कैलेंडर पर रेड और पिंक कलर का उपयोग ज्यादा किया गया हो। ऐसा कैलेंडर पूर्व दिशा के लिए बेहतरीन चुनाव होगा।
कैलेंडर इस दिशा में देता है अशुभ संकेत
-घर में कैलेंडर लगाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखे की कैलेंडर को कभी भी दक्षिण दिशा में नहीं लगाना चाहिए. वास्तुशास्त्र के अऩुसार दक्षिण दिशा में कैलेंडर लगाने से सुख-समृद्धि और वैभव में कमी आती है।
-घर में कैलेंडर लगाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखे की कैलेंडर को कभी भी दक्षिण दिशा में नहीं लगाना चाहिए. वास्तुशास्त्र के अऩुसार दक्षिण दिशा में कैलेंडर लगाने से सुख-समृद्धि और वैभव में कमी आती है।
-आप अपने घर में जिस कैलेंडर का उपयोग करते है उसमें कभी किसी भी जानवर या उदास चेहरे की तस्वीर नहीं लगी होनी चाहिए,ऐसा माना जाता है कि ऐसे कैलेंडर की वजह से घर में वास्तुदोष उत्पन्न होता है।
-घर में कैलेंडर को दक्षिण दिशा में नहीं लगाना चाहिए,इसके अतिरिक्त आप किसी भी दिशा में कैलेंडर लगा सकते है, जैसे- पूर्व-पश्चिम और उत्तर-दिशा में ही कैलेंडर लगाना चाहिए।
-कई लोग ऐसे होते है जो घर में दरवाजे के पीछे ही कैलेंडर को लटका देते है. हमें कभी भी दरवाजे के पीछे कैलेंडर को नहीं लटकाना चाहिए, यदि ऐसा किया जाता है तो इससे परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य पर असर पड़ता है और उम्र में कमी होती है।
दिशा के अनुसार जानें लाभ-हानि उत्तर दिशा कुबेर की दिशा है। इस दिशा में हरियाली ,फव्वारा, नदी, समुद्र, झरने के चित्र वाले कैलेंडर लगाना चाहिए। साथ ही विवाह संबंधी तस्वीरें, युवा जीवन की तस्वीरों वाला कैलेंडर इस दिशा में लगाना चाहिए। कैलेंडर पर ग्रीन व सफेद रंग का उपयोग अधिक किया हो। ऐसा कैलेंडर उत्तर दिशा में लगाने से सुख-समृद्धि को बढ़ाने वाला होता है। पश्चिम दिशा में कैलेंडर लगाने से बन सकते है रुके हुए कई कार्य, पश्चिम दिशा बहाव की दिशा है। इस दिशा में कैलेंडर लगाने से कार्यों में तेजी आती हैं। वहीं व्यक्ति की कार्यक्षमता भी बढ़ती है। पश्चिम दिशा का जो कोना उत्तर की ओर हो। उस कोने की ओर कैलेंडर लगाना चाहिए। दक्षिण दिशा से जुड़े हुए कोने में कैलेंडर नहीं लगाएं।
ये भी रखें ध्यान
वास्तुशास्त्र के मुताबिक मुख्य दरवाजे पर व दरवाजे से सामने दिखाई देता कैलेंडर नहीं लगाना चाहिए। क्योंकि दरवाजे से गुजरने वाली ऊर्जा प्रभावित होती है। साथ ही तेज हवा चलने से कैलेंडर हिलने से पेज उलट सकते है। जो कि अच्छा नहीं माना जाता है। यदि घर दक्षिणमुखी हो तब तो इस बात का विशेष ख्याल रखें कि मुख्य दरवाजे पर कैलेंडर नहीं लगाया गया हो।
वास्तुशास्त्र के मुताबिक मुख्य दरवाजे पर व दरवाजे से सामने दिखाई देता कैलेंडर नहीं लगाना चाहिए। क्योंकि दरवाजे से गुजरने वाली ऊर्जा प्रभावित होती है। साथ ही तेज हवा चलने से कैलेंडर हिलने से पेज उलट सकते है। जो कि अच्छा नहीं माना जाता है। यदि घर दक्षिणमुखी हो तब तो इस बात का विशेष ख्याल रखें कि मुख्य दरवाजे पर कैलेंडर नहीं लगाया गया हो।
ये भी जानना जरूरी
कैलेंडर उत्तर,पश्चिम या पूर्वी दीवार पर लगाना चाहिए। पश्चिम दिशा बहाव की दिशा है। इस दिशा में कैलेंडर लगाने से कार्यों में तेजी आती हैं। कार्यक्षमता भी बढ़ती है। पश्चिम दिशा का जो कोना उत्तर की ओर हो। उस कोने की ओर कैलेंडर लगाना चाहिए। दक्षिण ठहराव की दिशा है। ये घर के सदस्यों की तरक्की के अवसर रोकता है। घर के मुखिया के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है।
कैलेंडर उत्तर,पश्चिम या पूर्वी दीवार पर लगाना चाहिए। पश्चिम दिशा बहाव की दिशा है। इस दिशा में कैलेंडर लगाने से कार्यों में तेजी आती हैं। कार्यक्षमता भी बढ़ती है। पश्चिम दिशा का जो कोना उत्तर की ओर हो। उस कोने की ओर कैलेंडर लगाना चाहिए। दक्षिण ठहराव की दिशा है। ये घर के सदस्यों की तरक्की के अवसर रोकता है। घर के मुखिया के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है।